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बिहार

गया रेलवे स्टेशन से लेडी डॉन साध्वी के वेश में गिरफ्तार, सरकार ने घोषित किया था 50 हजार रूपए का इनाम

मोतिहारी। मोतिहारी पुलिस, एसओजी और एसटीएफ ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 50 हजार का इनामी लेडी डॉन को गया रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लेडी डॉन पर एक दर्जन से अधिक हत्या, हत्या का प्रयास सहित आपराधिक मामला दर्ज है। गिरफ्तार महिला प्रतिबंधित संगठन से जुड़ी बताई जा रही है।गिरफ्तार लेडी डॉन पर 50 हजार का इनाम सरकार ने घोषित किया था।

एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि हत्या और लूट मामले में 50 हजार की इनामी अपराधी को मोतिहारी पुलिस ने गया रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है। महिला अपराधी पर दर्जनों संगीन मामले दर्ज हैं। यह आजाद हिंद फौज नामक प्रतिबंधित संगठन से जुड़ी हुई थी। पुलिस से बचने के लिए यह आर्ट ऑफ लिविंग में साध्वी का वेश बनाकर छुपकर रह रही थी।

बताया जाता है कि पति की हत्या के बाद रीता सिंह का खौफ इतना बढ़ गया कि लोग उसे लेडीज डॉन कहते थे। पताही प्रखंड के वेतौना के चर्चित मुखिया स्वर्गीय जितेंद्र सिंह की यह पत्नी है। जितेंद्र सिंह की नक्सलियों ने साल 2005 में निर्मम तरीके से हत्या कर दिया था। पति की हत्या के बाद कई कारणों से इसका संबंध एक प्रतिबंधित संगठन से बना। साल 2011 के बाद आठ से अधिक आपराधिक घटनाओं कंस्ट्रक्शन कंपनी एवं ईंट भट्ठा संचालक से पर्चा फेंककर/गोली चलवाकर रंगदारी मांगना जिस दौरान हत्या,लूट, ऑर्म्स एक्ट जैसे संगीन अपराधों में इनकी भूमिका है।

पताही थाना क्षेत्र के वेतौना के चर्चित मुखिया जितेन्द्र सिंह थे। इनके ऊपर भी कई अपराधिक मामले दर्ज थे तथा नक्सलियों से अदावत के कारण नक्सलियों के टारगेट में थे। नक्सलियों के द्वारा साल 2005 में जितेन्द्र सिंह की  हत्या कर दी गई, जिसके बाद रीता सिंह ने गांव छोड़ दिया और प्रतिबंधित संगठन से नाता जोड़ लिया। इसके ऊपर कई अपराधिक मामले दर्ज होने लगे। पुलिस के लिए सरदर्द बनी इस महिला को गिरफ्तार करने हेतु 50 हजार रूपए का पुलिस ने इनाम रख दिया।

रीता सिंह पर पकड़ी दयाल थाना में हत्या के प्रयास का कांड संख्या 95/13, फेनहरा थाना में लूट और रंगदारी का कांड 65/15, पताही थाना में लूट का कांड 42/14 और 80/15 में विवैध कांड, 117/13 हत्या कांड 49/14 रंगदारी कांड और मधुबन थाना में रंगदारी का कांड संख्या 285/14 दर्ज है। पुलिस पकड़ से बचने के लिए इसने श्री-श्री रविशंकर आर्ट ऑफ लिविंग ज्वॉइन कर लिया, ताकि किसी को संदेह न हो सके। साध्वी के रूप में बिहार, झारखंड, कर्नाटक के कई जेल में जाकर इसने बंदियों को आर्ट ऑफ लिविंग की ट्रेनिंग देने का कार्य भी करने लगी। पुलिस से बचने के लिए इसने साध्वी का वेश बना लिया था।