औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद जिले में साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। बैंक ग्राहकों को निशाना बनाकर उनके खातों से पैसे निकाले जा रहे हैं। पीड़ित लोग थाने में शिकायत दर्ज करा रहे हैं, लेकिन अधिकांश मामलों में पैसे वापस नहीं मिल रहे हैं। साइबर थाना में जनवरी से अब तक 116 मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन कम ही मामलों का खुलासा हो पाया है।
साइबर अपराध के मामले को देखें तो देव थाना क्षेत्र के नकटी गांव निवासी राहुल कुमार से 15 अक्टूबर को साइबर जालसाजों ने धोखाधड़ी कर खाता से छह लाख की धोखाधड़ी कर ली। राशि निकासी के बाद पूरा परिवार सदमे में है। बारुण थाना क्षेत्र के रसुलपुर गांव निवासी राहुल कुमार सिंह से जालसाजों ने 16 अक्टूबर को करीब 29 हजार रुपये की धोखाधड़ी कर लिया। दाउदनगर के पटना फाटक निवासी मुकेश कुमार से जालसाजों ने धोखाधड़ी कर 30 हजार रुपये की अवैध निकासी कर लिया। माली थाना क्षेत्र के महादेवा गांव निवासी राकेश कुमार सिंह से साइबर जालसाजों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की राशि खाता में भेजने के नाम पर 12 अक्टूबर को एक लाख की अवैध निकासी कर ली। जब बैंक ग्राहकों के मोबाइल पर खाता से राशि निकासी का मैसेज आता है, तब धोखाधड़ी की जानकारी मिलती है। सभी मामलों की प्राथमिकी 20 अक्टूबर को साइबर थाना में कराई गई है।
साइबर थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष डीएसपी मनोज कुमार ने बताया कि मामले की प्राथमिकी करने के बाद जांच की जाती है। ग्राहकों के होल्ड किए गए राशि को वापस कराया जाता है। अरेराज -मोतिहारी मुख्य मार्ग के किनारे एक निजी मकान में संचालित सचमाध्या माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के कर्मियों ने इलाके की सैकड़ों महिलाओं से ठगी की। इससे जुड़ी महिलाओं ने सोमवार को बैंक के पास हंगामा और 10 मिनट के लिए सड़क को जाम किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिलाओं को शांत कराया। उचित कार्रवाई के आश्वासन पर महिलाएं थाने पहुंची। इसके बाद बैंक के विरुद्ध आवेदन दिया। अरेराज थाने की प्रभारी थानाध्यक्ष मोनालिसा कुमारी ने बताया कि 1850 रुपये प्रति महिलाओं से बीमा के नाम पर लेकर समूह लोन देने का वादा किया गया था। सभी महिलाओं को अलग-अलग समय दिया गया था। मगर चार दिनों से बैंक में ताला लटका है। इससे महिलाएं आक्रोशित थी।
बैंक से जुडी़ घिवाढ़ार की गीता देवी, मुस्कान अंसारी, मठलोहियार की रुबी कुमारी, शाहिदा खातून, संगीता देवी, मनोरमा देवी, नवजीवन खातून आदि ने बताया कि समूह लोन के नाम पर घर-घर जाकर उक्त बैंक के कर्मियों ने 15- 20 लोगों का ग्रुप बनाया था। सभी मेंबर को लोन देने का वादा किया गया। इसके एवज में 1850 रुपये प्रति महिला से लिया गया था। प्रभारी थानाध्यक्ष ने कहा कि आवेदन के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।