नई दिल्ली। भाई दूज का पर्व आज मनाया जा रहा है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन को भाई-बहन के स्नेह और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सभी बहनें भाई को रोली और अक्षत का टीका करते हुए, उसकी लंबी उम्र और तरक्की की कामना करती हैं। हिंदू धर्म में इस पर्व को मनाने की प्रथा सदियों पुरानी है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन यमुना ने भाई यम को घर पर आमंत्रित किया था और स्वागत सत्कार के साथ टीका लगाया था। तभी से इस पर्व को मनाया जाता है। भारत में इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल भाई दूज पर अनुराधा नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। इस योग में तिलक करने से भाई-बहन के रिश्ते में मजबूती आती है। ऐसे में आइए इस दिन के शुभ मुहूर्त के बारे में भी जान लेते हैं।
भाई दूज का आज सबसे खास मुहूर्त दोपहर 1बजकर 10 मिनट से लेकर 3 बजकर 22 मिनट तक है। कार्तिक मास द्वितीया तिथि का आरंभ 2 नवंबर 2024 को रात 8 बजकर 22 मिनट से समापन 3 नवंबर को रात में 10 बजकर 6 मिनट पर है। पंचांग के अनुसार भाई दूज के दिन सुबह 11 बजकर 39 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा। इसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा। इस दौरान अनुराधा नक्षत्र और बालव व कौलव करण का संयोग रहेगा।
इस साल भाई दूज पर तिलक लगाने का सबसे खास मुहूर्त 3 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटे 12 मिनट की है।
स्नान कर लें और साफ वस्त्रों को धारण करें। फिर एक थाली को तैयार कर लें। थाली में रोली, अक्षत और गोला रखें। इसके बाद भगवान गणेश का नाम लेते हुए पूजा करें। अब भाई का तिलक करें और नारियल का गोला भाई को दें। फिर भाई को मिठाई खिलाएं और आरती करें।भाई को भोजन करवाएं। उसके बाद भाई अपनी बहन से आशीर्वाद लें और उन्हें भेंट स्वरूप कुछ उपहार दें।