जयपुर। राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व से 25 बाघ लापता हो गए हैं। इस बारे में करीब एक वर्ष से अधिक समय तक बेखबर रहा प्रदेश का वन विभाग अब सक्रिय हुआ है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक पीके उपाध्याय ने बाघों के लापता होने से जुड़े विभिन्न विषयों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी दो महीने में रिपोर्ट देगी।
बता दें कि पिछले एक वर्ष में विभिन्न कारणों से इस टाइगर रिजर्व में नौ बाघों की मौत भी हो चुकी है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार यहां अभी 75 बाघ हैं, जिनमें से 25 को लापता बताया जा रहा है। रणथंभौर से बाघों के लापता होने की सूचना पिछले महीने टाइगर मानीटरिंग कमेटी की रिपोर्ट में सामने आई थी। इसके बाद राज्य सरकार में उच्च स्तर पर विमर्श किया गया। सरकार ने तय किया है कि बाघों के लापता होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
इसी के तहत उपाध्याय ने अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक राजेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की है। इसमें वन सरंक्षक टी मोहनराज और उप वन संरक्षक मानस को शामिल किया गया है। कमेटी विशेषज्ञों के साथ भी बाघों के लापता होने के मामले में सलाह लेगी। उपाध्याय ने सोमवार को जारी आदेश में कहा कि बाघों के लापता होने को लेकर टाइगर रिजर्व के निदेशक को कई पत्र लिखे गए। 14 अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार 11 बाघों के बारे में एक वर्ष से अधिक समय से, जबकि 14 बाघों के बारे में एक वर्ष से कम अवधि में कोई जानकारी नहीं मिली है। उधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि बाघों का लापता होना बाघ संरक्षण अभियान की पोल खोल रहा है। मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। एक तरफ मंगलवार को जांच कमेटी के प्रमुख राजेश कुमार गुप्ता ने 25 बाघों के लापता होने की जांच शुरू की तो दूसरी तरफ मंगलवार शाम को रणथंभौर के वन अधिकारी अनूप के.आर ने कहा कि अभी 14 बाघ ही लापता हैं।
11 बाघ लौट आए हैं। हालांकि, वह बाघों के लौटने को लेकर कोई आधिकारिक सबूत नहीं दे पा रहे हैं। वह यह भी नहीं बता पा रहे कि कौन से बाघ कब लौटे हैं। रणथंभौर में सोमवार को मिले बाघ टी-86 के शव के पोस्टमार्टम में पता चला कि उसके चेहरे, सिर और पसलियों में 20 गंभीर चोटें आई थीं। उस पर गंडासे और कुल्हाड़ी के साथ पत्थरों से हमला किया गया था। दरअसल, इसी बाघ ने दो नवंबर को उलियाणा गांव में एक व्यक्ति को हमला कर मार दिया था। माना जाता है कि उसके बाद ग्रामीणों ने बाघ पर हमला किया, जिससे उसकी मौत हुई।