गौरेला पेंड्रा मरवाही में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर मामले को 48 घंटे के अंदर सुलझाते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने पुरानी रंजिश के चलते वारदात को अंजाम दिया था और शव को पिकनिक स्पॉट के पास ले जाकर छिपा दिया था।
मामला 11 नवंबर का है जब थाना गौरेला क्षेत्र के जोगिसार सरिसताल गांव में अज्ञात युवक का शव मिलने की सूचना पुलिस को मिली। जिसके बाद तत्काल पुलिस अधिकारीयो के नेतृत्व में डीएसपी साइबर दीपक मिश्रा और थाना गौरेला और साइबर सेल की टीम डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंची थी। प्रारंभिक जांच पंचनामा के दौरान शव लगभग 5-6 दिन पुराना लगने के कारण शव से मिले अन्य पहचान चिन्ह के आधार पर पुलिस ने शिनाख्तगी शुरू की तो देर शाम अज्ञात शव की पहचान थाना गौरेला क्षेत्र के जोगीसार गांव के रहने वाले 30 वर्षीय युवक बेचू सिंह धनवार के रूप में हुई।
इसके बाद थाना गौरेला और साइबर सेल की टीम द्वारा साक्ष्य संकलन और तफ्तीश की गई जिस पर पूछताछ और टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन पर मामले का खुलासा हुआ। मृतक बेचू सिंह धनुहार रोजी-मजदूरी दिहाड़ी का काम करने उत्तर प्रदेश में रहता था। लगभग एक माह पहले जब बेचू गांव जोगीसार में था तब मृतक का गांव के रामेश्वर धनवार और उसके दो पुत्रों से पैसे के लेन देन के मामले में विवाद हुआ था। इसके बाद वह वापस काम करने उत्तरप्रदेश चला गया था।
5 नवंबर को बेचू सिंह धनुहार उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ से वापस अपने गांव जोगीसार आया था, जो शाम को शराब पीकर घूम रहा था। मौका पाकर रामेश्वर धनवार और उसके बेटे रामभरोश और रामप्रताप ने मिलकर बांस की लाठी और टांगी से ताबड़तोड़ वार कर मौत के घाट उतार दिया। देर रात मोटरसाइकिल पर ले जाकर शव को सरिसताल के निकट पिकनिक स्पॉट के पास खेत से लगे एक गड्ढे में रख दिया। वापस आकर साक्ष्य मिटाने के लिए अपने घर के पास स्वयं के कपड़े और मृतक का मोबाइल भी जला दिया।
जीपीएम पुलिस टीम ने मूल घटना स्थल और जलाए हुए साक्ष्य को फॉरेंसिक टीम के साथ रिकवर किया है और साइंटिफिक एविडेंस कलेक्ट किए हैं साथ ही बोर गाड़ी में भागने की तैयारी कर चुके आरोपियों रामेश्वर धनवार और उसके बेटों रामप्रताप व रामभरोश को भी घेराबंदी कर जोगीसार के निकट जंगल से गिरफ्तार कर लिया है। तीनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।