हेदराबाद। तिरुपति बालाजी मंदिर के ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। तिरुपति बालाजी ट्रस्ट से गैर-हिंदू कर्मचारियों की अब छुट्टी हो जाएगी। टीटीडी ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा है कि बोर्ड में कार्यरत गैर-हिंदू या तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लें, या फिर आंध्र प्रदेश के अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरण का विकल्प चुने।
बोर्ड के अध्यक्ष बीआर नायडू ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने टीटीडी में गैर-हिंदू कर्मचारियों की पहचान की है और उनसे अनुरोध करेंगे कि वे या तो वीआरएस ले लें या अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरण करा लें। टीटीडी के अध्यक्ष ने कहा कि मैंने सोमवार को बोर्ड में प्रस्ताव पेश किया। बोर्ड ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है। भाजपा सांसद और आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डी पुरंदेश्वरी ने मंदिर से गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने के टीटीडी बोर्ड के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए इसे एक बहुत अच्छा निर्णय बताया है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों में हिंदू धर्म के प्रति सम्मान की कमी है, उन्हें मंदिरों में भूमिकाएं मिलने पर वे वास्तव में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने टीटीडी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि गैर-हिंदू कर्मचारियों को आंध्र प्रदेश में अन्य स्थानों पर तैनात किया जाना चाहिए।