इंफाल। मणिपुर के एक मंत्री ने भीड़ के हमले से बचने के लिए अपने घर को कंटीले तारों से घेरवा दिया है। इंफाल पूर्वी जिले में स्थित अपने पैतृक घर के चारों ओर कांटेदार तार की बाड़ और लोहे का जाल तैयार करवाया है। साथ ही सुरक्षाबलों के लिए अस्थायी बकंर की भी व्यवस्था की है। मणिपुर के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री एल.सुसिंद्रो मेइती के खुरई स्थित पैतृक घर पर 16 नवंबर को भीड़ ने हमला कर दिया था।
इस बाबत मंत्री मेइती ने बताया कि बीते साल तीन मई को हुए हमले के बाद से तीसरी बार 16 नवंबर को उनकी संपत्तियों पर हमला किया गया। उन्होंने बताया, ‘‘अब मेरे घर के चारों ओर कांटेदार तार की बाड़ लगाना और इसे लोहे के जाल से सुरक्षित करना बहुत जरुरी है। प्रदर्शनकारी 16 नवंबर को आंदोलनकारी इलेक्ट्रिक ड्रिल और हथौड़ों साथ ले कर आए थे। उनका उद्देश्य आगजनी, लूटपाट और मेरी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना था।”
वहीं गुस्साई भीड़ ने बीते 16 नवंबर को कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की थी। इस घटना का जिक्र करते हुए सुसिंद्रो ने बताया, ‘‘मैं उस दिन घर में मौजूद नहीं था। दोपहर के समय बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरूष आए और मेरे परिवार के सदस्यों ने उनसे बात की जिसके बाद वे चले गए।”
इसके बाद मंत्री ने बताया कि, ‘‘शाम को करीब 6.30 बजे करीब 3,000 लोगों ने मेरे घर में घुसने की कोशिश की और गोलियां चलाईं। बीएसएफ के जवानों सहित सुरक्षा बलों ने मुझसे पूछा कि इस स्थिति में क्या किया जाना चाहिए, मैंने उनसे कहा कि भीड़ को कोई नुकसान न पहुंचाएं। हालांकि, उन्हें तितर-बितर करने के लिए उन्होंने हवा में गोलियां चलाईं।”
वहीं मंत्री मेइती ने कहा, ‘‘…यदि उपद्रवी हम पर हमला करते हैं तो हमें अपने जीवन और संपत्ति की रक्षा करने का संवैधानिक एवं कानूनी अधिकार है।” बता दें कि, मणिपुर में छह लापता लोगों के शव बरामद होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने 16 नवंबर को मणिपुर के तीन मंत्रियों और नौ विधायकों के आवासों पर हमला किया था।
जानकारी दें कि, मणिपुर के कई विधायकों के घरों पर हमले के दौरान 1.5 करोड़ रुपए के जेवर लूटे जाने का बड़ा खुलासा हुआ है। इस बाबत जदयू विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां की दर्ज FIR के अनुसार तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास से 18 लाख रुपए नकद भी लूट लिए। विस्थापितों के लिए रखे कई सामान भी नष्ट कर दिए। वहीं वहां रिलीफ कैंप की वालेंटियर सनयाई ने दावा किया कि हिंसा के दौरान लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर में तोड़फोड़ की गई थी। गुस्साई भीड़ अपने साथ 7 गैस सिलेंडर ले गई। इसके साथ ही 3 एसी ले जाने की भी कोशिश की। वहीं कई विस्थापितों के दस्तावेज भी नष्ट कर दिए थे।