यूपी /अयोध्या। ट्रस्ट ने राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास से बढ़ती उम्र को देखते हुए कार्य से मुक्ति का निवेदन किया। वह 34 साल से राममंदिर में पूजा-अर्चना का जिम्मा संभाल रहे हैं। आचार्य सत्येंद्र दास को ट्रस्ट आजीवन वेतन देता रहेगा। मुख्य पुजारी पहले की तरह जब भी चाहेंगे, उनके राममंदिर में आने-जाने व पूजा-अर्चना करने पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं रहेगी।
विध्वंस से लेकर सृजन तक के गवाह हैं सत्येंद्र दास- रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बाबरी विध्वंस से लेकर राममंदिर के निर्माण तक के साक्षी रहे हैं। रामलला की भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा भी उन्होंने अपनी आंखों से देखी है। आचार्य सत्येंद्र दास ने टेंट में रहे रामलला की 28 साल तक उपासना-पूजा की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद करीब चार साल तक अस्थायी मंदिर में विराजे रामलला की सेवा मुख्य पुजारी के रूप में की। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अभी तक वह मुख्य पुजारी के रूप में सेवा दे रहे हैं।
क्या कहते हैं आचार्य सत्येंद्र दास- मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि राममंदिर के ट्रस्टी आश्रम पर आए थे। स्वास्थ्य व बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए कार्य से मुक्ति का निवेदन किया है। कहा गया है कि जब इच्छा हो मंदिर जाएं, न हो तो न जाएं। ट्रस्ट ने यह भी कहा है कि जितना वेतन अभी मिलता है आजीवन देते रहेंगे। ट्रस्ट ने तो कार्यमुक्त कर ही दिया है, फिलहाल मैं अभी मंदिर जाता हूं, किसी प्रकार का रोकटोक नहीं है।