जयपुर । कर्नाटक वन विभाग की सूचना पर राजस्थान वन विभाग ने जयपुर में लाल चंदन की अवैध तस्करी का भंडाफोड़ करते हुए 100 किलो लकड़ी, चिप्स, बुरादा और तेल जब्त किया है। यह कार्रवाई जयपुर के शास्त्री नगर स्थित आरएसवाई इंटरप्राइजेस नामक फर्म पर की गई, जो दक्षिण भारत से चंदन की लकड़ी मंगवाकर कर्नाटक में अवैध रूप से भेजने के धंधे में शामिल थी।
मुख्य वन संरक्षक, जयपुर, राजीव चतुर्वेदी ने बताया कि यह कार्रवाई वन्य उपज तस्करों के खिलाफ वन विभाग की सख्ती है। उन्होंने बताया कि फर्जी कागजात के सहारे चल रहे अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। चतुर्वेदी ने बताया कि कर्नाटक वन विभाग ने 19 दिसंबर 2024 को राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) को पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि जयपुर की आरएसवाई इंटरप्राइजेस नामक फर्म अवैध रूप से चंदन की लकड़ी और उसके उत्पादों की आपूर्ति कर रही है। इस फर्म के खिलाफ ठोस कार्रवाई के लिए 23 दिसंबर को निर्देश दिए गए।
इसके बाद 24 दिसंबर को मुख्य वन संरक्षक जयपुर राजीव चतुर्वेदी के निर्देशन और उप वन संरक्षक, जयपुर, वी. केतन कुमार के नेतृत्व में वन विभाग ने फर्म के पते पर दबिश दी गई। फर्म का पता लंकापुरी, शास्त्री नगर, जयपुर में दर्ज था, लेकिन वहां कोई कार्यालय नहीं मिला। इसके बाद ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पर दिए गए पते और पुलिस थाना भट्टा बस्ती के सहयोग से फर्म के मालिक यूसुफ खान के मोबाइल नंबरों का ट्रेस कर विद्याधरनगर में फर्म का पता लगाया गया।
विद्याधरनगर स्थित मकान से 100 किलो चंदन की लकड़ी, चिप्स, बुरादा और तेल बरामद किए गए। इन उत्पादों के लिए कोई वैध पारपत्र (ट्रांजिट पास) उपलब्ध नहीं था। राजस्थान वन अधिनियम 1953 की विभिन्न धाराओं के तहत इन सभी सामग्री को जब्त कर लिया गया। यह फर्म लगभग तीन दशकों से फर्जी कागजात के आधार पर चंदन की लकड़ी तस्करी में शामिल थी। दक्षिण भारत से जयपुर मंगवाई गई लकड़ी को कर्नाटक में अवैध रूप से भेजा जाता था।