Home » फर्जी दस्तावेज के सहारे सरकारी टीचर बनी पाकिस्तानी महिला, खुलासे के बाद निलंबित, मामला दर्ज
उत्तर प्रदेश

फर्जी दस्तावेज के सहारे सरकारी टीचर बनी पाकिस्तानी महिला, खुलासे के बाद निलंबित, मामला दर्ज

बरेली।  पाकिस्तानी महिला ने फर्जी दस्तावेजों से बेसिक शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। उसने बरेली के फतेहगंज पश्चिमी विकास खंड क्षेत्र में तैनाती पा ली। दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है। उसके खिलाफ विभागीय अधिकारियों ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी हो सकती है।

 मिली जानकारी के अनुसार रामपुर शहर के बजरोही टोला में गली नंबर चार के मकान नंबर 20 की निवासी शुमायला खान पर यह कार्रवाई हुई है। फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी भानु शंकर गंगवार ने उसके खिलाफ फतेहगंज पश्चिमी थाने में धोखाधड़ी से नागरिकता छुपाने व फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

पाकिस्तानी नागरिक है महिला – बताया गया है कि शुमायला खान ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। फिलहाल वह यहां प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थी। उसकी नागरिकता को लेकर शिकायत की गई थी। आरोप था कि वह पाकिस्तानी नागरिक हैं। इस मामले में विभाग ने उसके प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया था। एसडीएम सदर रामपुर से अपेक्षा की गई थी कि उनके कार्यालय से जारी बताया जा रहा सामान्य निवास प्रमाणपत्र की जांच करके रिपोर्ट दें। एसडीएम की जांच में साफ हुआ कि शुमायला का यह प्रमाण पत्र त्रुटिपूर्ण है, इसे बनवाने में जानकारी छुपाई गई हैं और शुमायला वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक है। 

शुमायला खान का प्रमाण पत्र पिछली साल निरस्त कर दिया गया। बेसिक शिक्षा विभाग ने कई बार शिक्षिका से स्पष्टीकरण मांगा पर प्रमाण पत्र की सत्यता साबित न हो सकी। बीएसए ने 3 अक्तूबर 2024 को शुमायला खान को निलंबित कर दिया। अब बीएसए के निर्देश पर बीईओ भानु शंकर गंगवार ने रिपोर्ट दर्ज करा दी है। फतेहगंज पश्चिमी थाना पुलिस मामले में जांच कर रही है, शुमायला की गिरफ्तारी भी की जा सकती है।

नौ साल से थी पदस्थ- पाकिस्तानी नागरिक शुमायला ने फर्जी दस्तावेजों से 2015 में बरेली में नौकरी हासिल की थी। वह तभी से प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक के पद पर पदस्थ थी। इतने साल से वह लाखों रुपये वेतन ले चुकी थी। अब उसे नियुक्ति तिथि से पद से हटा दिया गया।

Search

Archives