रायपुर। तेलीबांधा इलाके में रहने वाले यश शर्मा को मौत के घाट उतारने वाले तीन आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कारोबारी और रसूखदारों के बेटों ने उसके साथ ऐसी हैवानियत कि वह जिंदा बच नहीं पाया। तीन महीनों तक दर्द से कराहते हुए मौत से जूझता रहा। आखिरकार उसकी मौत हो गई।
मामले की शिकायत होने पर राजेंद्र नगर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध तो दर्ज कर लिया था, लेकिन अरेस्टिंग किसी नहीं हो पाई थी। कुछ दिन पहले तुषार पाहुजा को पकड़ा गया था। इस बीच यश की मौत हो गई। इसके बाद नाराज परिजनों ने राजेंद्र नगर थाने के सामने प्रदर्शन किया। इससे मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा। शनिवार को पुलिस ने चिराग पंजवानी, तुषार पंजवानी एवं सुशील खेमानी उर्फ यश खेमानी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
सभी आरोपी कारोबारी परिवार से जुड़े हैं। बताया जा रहा है इसी कारण राजेंद्र नगर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में ज्यादा रुचि नहीं ली थी। इससे मृतक के परिजनों में भारी नाराजगी थी। आरोपियों के चंगुल से छूटने के बाद 15 अक्टूबर को यश को परिवार वालों ने एम्स में भर्ती कराया था। उसके कई ऑपरेशन हुए, लेकिन आंतों में सुधार नहीं हुआ। उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई। उसे रोज असहनीय दर्द होता था। खाना-पीना सब बंद हो गया था। एम्स से डीकेएस, अंबेडकर में भी इलाज चला लेकिन वह नहीं बच पाया।
तीन माह तक असहनीय पीड़ा सहता रहा यश – पूरे मामले में आरोपियों की दरिंदगी का खामियाजा मृतक युवक और उसके परिवार को भुगतना पड़ा है। यश अपने घर का एकलौता बेटा था। वह अपनी मां और दादी के साथ रहता था। परिवार पालने के लिए सिंधी समाज में पंडिताई का काम करता था।