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छत्तीसगढ़

नाबालिग से गैंग रेप और ट्रिपल मर्डर : 5 आरोपियों को मौत की सजा, एक को आजीवन कारावास

पिता-पुत्री और नातिन की हत्या, किशोरी को पत्थरों से दबाया

कोरबा। प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी मामले में पांच दोषियों को मौत की सजा और एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 2021 में बहुचर्चित पहाड़ी कोरवा परिवार की नाबालिग से हुए गैंग रेप मामले में स्पेशल कोर्ट ने 5 आरोपियों को मृत्युदंड और एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

लेमरू क्षेत्र के गढ़-उपरोड़ा में 29 जनवरी को पिता-पुत्री और 4 साल की नातिन की हत्या कर दी गई थी। शव मंगलवार को जंगल से बरामद हुए थे। उस समय किशोरी जिंदा थी और उस पर पत्थर रखकर दबा दिया गया था। अस्पताल लाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। सभी को लाठी-डंडों और पत्थर से कुचलकर मारा गया। मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। स्पेशल कोर्ट के जज ममता भोजवानी ने फैसला देते हुए 5 आरोपियों को मृत्युदंड और एक को आजीवन कारावास का सजा सुनाई है।

पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि मुख्य आरोपी संतराम मंझवार, जो पीड़ित परिवार को अपने यहां काम पर रखा था, ने नाबालिग लड़की को जबरन अपनी दूसरी पत्नी बनाने का दबाव डाला था। परिवार द्वारा इसका विरोध करने पर संतराम ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। घटना की जानकारी मिलते ही तत्कालीन एडिशनल एसपी कीर्तन राठौर ने अपनी टीम के साथ 24 घंटे के भीतर मुख्य आरोपी समेत सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनकी त्वरित कार्रवाई और तत्कालीन सीएसपी योगेश साहू की मजबूत विवेचना ने मामले को एक मिसाल बना दिया। राठौर की टीम ने सबूतों को इस तरह से पेश किया कि चार साल तक आरोपियों को जमानत नहीं मिल सकी।

विशेष न्यायाधीश ममता भोजवानी ने मुख्य आरोपी संतराम मंझवार, अनिल सारथी, उमाशंकर यादव, आनंदराम पनिका, और परदेशी राम पनिका को मृत्युदंड दिया, जबकि छठे आरोपी अब्दुल जब्बार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास का सभवतः पहला ऐसा मामला है जिसमें एक साथ पांच लोगों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। इस फैसले को राज्य में न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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