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मध्यप्रदेश

7,800 छात्रों को फ्री मिली स्कूटी : MP सीएम ने 12 विद्यार्थी को दी चाबियां, कहा- मेरिट से काम नहीं बनेगा, नैतिकता भी जरूरी

भोपालबुधवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने राजधानी भोपाल में सरकारी स्कूलों में टॉप करने 12 विद्यार्थियों को स्कूटी की चाबियां सौंपी। इसके बाद सरकारी स्कूलों के 7,800 प्रतिभाशाली छात्रों को मुफ्त स्कूटी के लिए प्रतीकात्मक रूप से प्रमाण पत्र दिए गए।

इस दौरान सीएम ने राज्य स्तरीय कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों से बात भी की। मंच पर पहुचे 12 बच्चों से सीएम ने पूछा कि भविष्य में आप लोग क्या बनना चाहते हो। सीएम ने बताया कि किसी बच्चे ने कहा कि उसे IAS बनना है, तो किसी ने कहा कि वो इसरो में वैज्ञानिक बनेगा। किसी ने डाक्टर तो किसी ने पुलिस विभाग में जाने की बात कही,  लेकिन किसी ने नेता और उद्योगपति बनने की बता नहीं कही। मैं सोच रहा था कोई तो बोले कि मैं नेता बनूंगा, लेकिन किसी ने नेता बनने की रुचि नहीं दिखाई।

मेरिट से काम नहीं बनेगा, नैतिकता भी चाहिए- मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि मेरिट से काम नहीं बनेगा नैतिकता भी चाहिए। घर के अंदर कुछ भी चलता रहे लेकिन बाहर यह बात नहीं जानी चाहिए। हमारे संस्कार ऐसे होने चाहिए कि हम आपस के मनमुटाव को बाहर दिखने न दें। सीएम ने कहा कि प्रतिभाशाली बच्चे जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं लेकिन प्रतिभा के साथ संस्कार होना भी जरूरी है। सिर्फ पढ़ा लिखा व्यक्ति ही सब कुछ नहीं होता है, गुणी होना भी जीवन में आवश्यक है।

सीएम ने आपनी कहानी- मुख्यमंत्री ने अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि वर्ष 1982 में मेरे भैया ने कहा कि चुनाव लड़ो, मैंने कहा कि जीतूंगा तो क्या दोगे? भैया ने कहा कि बुलेट दूंगा। इसके बाद 1988 तक मै खुद और अपनी पार्टी को चुनाव जिताता रहा और हर साल भैया मुझे नई बुलेट दिलाते रहे। बुलेट तो मिल जाती थी लेकिन पेट्रोल का खर्च समझ में आता था। आप भाग्यशाली हो, आपको इलेक्ट्रिक व्हीकल मिला है, जिसे कितना भी चला सकते हो।

बेहतर शिक्षा दे रहे मध्यप्रदेश के स्कूल-  कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि आज मिलने वाली स्कूटी बच्चों को अपने शैक्षणिक जीवन की उपलब्धियों को और बेहतर स्वरूप देने का काम करेगी। संसाधनों और समय के अभाव की कमी के चलते अब परेशानी से राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि एक तरफ वे स्कूल हैं, जो लाखों रुपए की फीस लेते हैं और दूसरी ओर वे स्कूल हैं, जो वोकेशनल ट्रेनिंग, कैरियर गाइडेंस, स्मार्ट क्लास समेत अन्य सुविधाएं देते हैं। इन स्कूलों के छात्रों का भविष्य बेहतर रहे, इसकी वे अपेक्षा करते हैं।

ई स्कूटी के लिए 1.10 लाख और स्कूटी के लिए 90 हजार रुपये- बुधवार को प्रदेश के 7800 प्रतिभावान बच्चों को स्कूटी का प्रतीकात्मक वितरण किया गया है। इनमें बच्चे अपनी इच्छानुसार ई-स्कूटी या पेट्रोल स्कूटी का चयन कर सकते हैं। सरकार ई-स्कूटी खरीदने वाले बच्चों को 1.10 लाख रुपये और स्कूटी खरीदने वाले बच्चों को 90 हजार रुपये देगी। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि साल 2023-24 के टापर विद्यार्थियों को स्कूटी वितरण में करीब 80 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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