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दिल्ली-एनसीआर

तेलंगाना सुरंग हादसा: SLBC सुरंग में फंसे 8 मजदूर को निकालने तेज हुई कवायद, गाद व पानी बहुत बड़ी बाधा

नई दिल्ली । तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में सुरंग के गिरे हिस्से में फंसे 8 श्रमिकों को बचाने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय एजेंसियां लगातार प्रयासरत हैं।

तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग में 8 लोग पिछले तीन दिनों से फंसे हुए हैं। फंसे लोगों में 2 इंजीनियर भी हैं। रेस्क्यू के लिए स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF), फायर सर्विसेज डिपार्टमेंट और नैशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की तीन टीमें जी जान से जुटी हुई हैं।

वहीं  अब 2023 के उत्तराखंड के बहुचर्चित सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद चमत्कारिक रेस्क्यू करने वाली टीम के 6 सदस्य भी एसएलबीसी  (SLBC) टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हो चुके हैं। सुरंग में शनिवार रात से ही 2 इंजीनियर समेत 8 लोग फंसे हुए हैं। सबको उम्मीद सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद हुए करिश्मा को दोहराए जाने की है, लेकिन असली चुनौती ये है कि अब तक टनल में फंसे किसी भी शख्स से संपर्क नहीं हो पाया है।

तेलंगाना सुरंग में रेस्क्यू टीम के सामने गाद और पानी बड़ी चुनौती बनकर खड़े हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सुरंग की कंक्रीट स्लैब के टुकड़े समेत मलबा 8 श्रमिकों पर गिर गया होगा। रविवार देर रात तक फंसे हुए लोगों में से किसी से रेस्क्यू टीम का संपर्क नहीं हो पाया था, हालांकि बचाव दल सुरंग के अंदर 13.5 किमी पर स्लैब के ढहने वाली जगह के ठीक बाहर तैनात हैं। गाद और पानी की दोहरी बाधा के कारण टीमें टनल बोरिंग मशीन और मलबे से आगे नहीं बढ़ पाईं। तेलंगाना सरकार के दो मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव और एन. उत्तम कुमार रेड्डी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं  बचाव अभियान में शामिल एजेंसियां फंसे हुए श्रमिकों के लिए सबसे आसान रास्ता खोजने के लिए सभी संभावित विकल्पों की तलाश कर रही हैं। सिल्क्यारा सुरंग हादसे की तरह इस घटना ने भी सुरंग निर्माण परियोजनाओं में सुरक्षा उपायों की अहमियत को उजागर किया है।

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