फिल्मी दुनिया में हीरो और हीरोइन को मिलने वाले वेतन में जमीन-आसमान का अंतर होता है। वेतन असमानता पर शेफाली शाह ने चुप्पी तोड़ी है। शेफाली शाह ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान पुरुष और महिला कलाकारों के असमान वेतन पर चल रही बहस पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि इस मामले में निष्पक्षता की जरूरत है। शेफाली ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के साथ इंटरव्यू के दौरान कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव आया है। अब महिला प्रधान फिल्मों को भी काफी सफलता मिली है। हालांकि, इस तरक्की के बावजूद, पुरुष और महिला अभिनेताओं के बीच भुगतान का अंतर बना हुआ है।
शेफाली ने कहा, ‘यह ठीक नहीं है। मैं अब भी समझ सकती हूं कि एक समय में बड़ी फिल्मों में हीरो की वजह से फिल्में बिकती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। आज, ऐसी कई फिल्में हैं, जो महिला प्रधान हैं और जो बड़ी हिट रही हैं। क्या उन्हें उतना ही पैसा मिल रहा है जितना हीरो को मिल रहा है? मुझे नहीं पता’।
शेफाली शाह ने बॉलीवुड में वेतन असमानता पर बात की। उन्होंने इस मसले पर निष्पक्षता की मांग की है। उन्होंने कहा कि महिला प्रधान फिल्में अब बहुत हिट हो रही हैं, लेकिन वेतन में अंतर बना हुआ है।
योग्यता आधारित प्रणाली का सुझाव दिया- शेफाली ने कहा कि वेतन सिर्फ योग्यता के आधार पर मिलना चाहिए। उन्होंने योग्यता आधारित प्रणाली का सुझाव देते हुए कहा, ‘क्या होगा यदि हम इसमें जेंडर को शामिल न करें और यदि हम इसे इस तरह से देखें – आपको वह मिले, जिसके आप हकदार हैं। लेकिन, अफसोस कि ऐसी स्थिति में, कौन तय करेगा कि मैं हकदार हूं? यह कैसे पता? लेकिन यदि आप लीड रोल कर रहे हैं तो आपको यह सोचकर कास्ट किया गया है कि यह कलाकार इसे पूरा कर सकता है… इसलिए आपको नहीं लगता कि यह कलाकार बाकी से थोड़ा ज्यादा का हकदार है?