उज्जैन। बेटी द्वारा माता-पिता को पहचानने से इंकार के बाद आहत परिजनों ने बेटी का पिंडदान करवा दिया। इस दौरान परिजनों ने मुंडन भी कराया, शांति भोज भी करवाया। मामला खाचरोद क्षेत्र के घुड़ावन गांव का है। दरअसल यहां एक युवती ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी कर ली थी, जिसके बाद बेटी ने अपने परिवार वालों को पहचानने से मना कर दिया।
इस बात से गुस्साए परिजनों ने पूरे गांव को बुलाकर बेटी का पिंडदान कर दिया। इस दौरान परिजन ने मुंडन भी करवाया। साथ ही शांति भोज भी करवा दिया। घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
खाचरौद तहसील के घुड़ावन गांव के वर्दीराम गरगामा की बेटी मेघा गरगामा ने अपने प्रेमी दीपक के साथ भागकर शादी कर ली थी। मामले में मेघा के परिजन ने उसके लापता होने की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई थी। इसके बाद पुलिस युवती की तलाश में जुटी हुई थी। कार्रवाई करते हुए पुलिस मेघा और उसके प्रेमी दीपक को थाने ले आई, जहां पुलिस ने मेघा से परिवार की पहचान करने के लिए कहा तो मेघा ने परिवार को पहचानने से मना कर दिया।
इस बात से आहत परिजन ने मेघा की शोक पत्रिका छपवा डाली और समाज के लोगों को बुलाकर उसका विधि-विधान से पिंड दान करते हुए शांति भोज करवा दिया। शोक पत्रिका में लिखा गया कि आज समाज के बालक-बालिकाएं आधुनिकता को विनाश का साधन बनाए बैठे हैं। आधुनिक संचार उपकरणों का दुरुपयोग कर एवं माता-पिता की विनम्रता और सहजता का फायदा उठाकर समाज एवं परिवार की मान मर्यादा का ध्यान रखे बगैर बच्चे अंतरजातीय विवाह कर रहे हैं, जो वर्तमान में प्रचलन बनता जा रहा है। समाज के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय है।
आज इस पीड़ा से पीड़ित एक परिवार ने एक बड़ा निर्णय लिया है, जो शायद परिवार और समाज की मान मर्यादा को लेकर सभी बच्चों को एक नई दिशा प्रेरणा प्रदान कर सकें। शोक पत्रिका में मेघा के पिता ने दीपक से भागकर शादी करने का जिक्र करने के साथ ही उसके गौरनी का कार्यक्रम की जानकारी दी थी। इसी के साथ लिखा था कि मेघा का स्वर्गवास दिनांक 15 मार्च 2025 शनिवार को हो गया है।