Home » फ्री में गरीब बच्चों को पढ़ाकर संचिता बनीं एसडीएम फिर आईएफएस, पढ़िए सक्सेस स्टोरी
देश

फ्री में गरीब बच्चों को पढ़ाकर संचिता बनीं एसडीएम फिर आईएफएस, पढ़िए सक्सेस स्टोरी

चंडीगढ़। कहते हैं अच्छे काम का फल भी अच्छा ही होता है। हां इसे मिलने में थोड़ा वक्त लग सकता है, लेकिन कहीं न कहीं जाकर मिलता जरूर है। आज हम बात कर रहे हैं उस महिला अफसर की जो गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाती थीं। उन्होंने यूपीपीसीएस एग्जाम टॉप किया और एसडीएम बन गईं। संचिता ने यूपीपीसीएस 2020 में टॉप किया था।

संचिता पंजाब की रहने वाली हैं। यहां तक पहुंचने के लिए संचिता ने कोचिंग का भी सहारा लिया था। संचिता ने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से बीई केमिकल इंजीनियरिंग की और इसके बाद एमबीए किया। जब संचिता यूनिवर्सिटी में पढ़ती थीं तब वह गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाया करती थीं। इसके अलावा संचिता सोशल वर्क्स में भी हिस्सा लेती थीं।

संचिता का कहना है कि वह हमेशा ही समाज के हर तबके को जेहन में रखकर विकास कार्य करना चाहती है। संचिता के पिता भी संचिता के पिता फार्मासिस्ट है एवं जनऔषधी केंद्र चलाते हैं, वहीं संचिता की मां इंटर कॉलेज में लेक्चरर हैं। संचिता के मुताबिक जब रिजल्ट आया तो यह दिन और रैंक उनके लिए बहुत खास थी। उनके माता पिता और भाई बहन ने इसके लिए उन्हें हमेशा सपोर्ट किया था।

संचिता शर्मा ने अपनी पिछली गलतियों को ठीक करते हुए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी और 2021 में कामयाब रहीं। वह साल 2021 में भारतीय वन अधिकारी बन गईं। संचिता शर्मा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 28000 से ज्यादा फॉलोअर हैं।

संचिता ने पीसीएस 2019 में भी एग्जाम दिया था, लेकिन उस समय क्लियर नहीं कर पाई थीं। जब उनका रिजल्ट आया तो वह इससे निराश नहीं हुई थीं। इसके बाद उन्होंने ज्यादा मेहनत और लगन के साथ तैयारी की और उसका रिजल्ट सबके सामने है। संचिता ने अपनी पढ़ाई के बारे में कहा कि वह यह नहीं गिनतीं की उन्होंने कितने घंटे पढ़ाई की। उन्होंने टारगेट सेट करके अपनी पढ़ाई की। उनका टारगेट रहता था कि पूरा कंसेप्ट क्लियर होना चाहिए।

Search

Archives