न्यूयॉर्क। अमेरिकी ज्यूरी ने मंगलवार को देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका की एक पत्रकार का यौन शोषण और मानहानि करने के लिए उत्तरदायी पाया और उनको हर्जाने में 5 मिलियन डॉलर (भारतीय रुपए में करीब 41 करोड़) का जुर्माना लगाया है। सुनवाई के दौरान नौ ज्यूरी सदस्यों ने ई. जीन कैरल के बलात्कार के आरोप को खारिज कर दिया, लेकिन तीन घंटे से भी कम समय के विचार-विमर्श के बाद बारीकी से देखे गए सिविल ट्रायल में उनकी अन्य शिकायतों को बरकरार रखा।
ऐसा पहली बार है जब ट्रंप के खिलाफ मुकदमे में फैसला सुनाया गया है। ट्रंप ने दशकों पुराने यौन दुराचार के आरोपों और एक दर्जन महिलाओं से जुड़े कानूनी मामलों का सामना किया है। कैरल ने मामले में हर्जाने की मांग को लेकर ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। वह पूर्व राष्ट्रपति से इस बयान को वापस लेने की भी मांग कर रही हैं कि कैरल द्वारा लगाए गए आरोप मानहानिकारक हैं।
अमेरिका पत्रकार, लेखिका और स्तंभकार ई जीन कैरोल (79) ने पिछले साल अप्रैल में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अदालत में सुनवाई के दौरान आरोप लगाया था कि देश के पूर्व राष्ट्रपति ने एक लग्जरी डिपार्टमेंट स्टोर में उनसे बलात्कार किया था। कैरोल ने कहा था कि वह 1996 में शाम को बर्गडोर्फ गुडमैन में ट्रंप से मिली थीं, जहां ट्रंप ने महिलाओं के अंतः वस्त्र खरीदने में उनसे मदद मांगी थी और इसी दौरान उन्होंने कपड़े बदलने के कमरे में उनसे बलात्कार किया। उन्होंने कहा कि दशकों तक उन्होंने अपने दो मित्रों को छोड़कर किसी को यह बात नहीं बताई, क्योंकि उन्हें डर था कि ट्रंप उनसे इसका बदला लेंगे और उन्हें ‘लगा था कि यह मेरी गलती है।
कैरोल ने कहा कि उन्हें यह भी डर था कि उनके साथ जो हुआ, उसके लिए लोग उन्हें ही जिम्मेदार ठहराएंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘मी टू’ मुहिम के बाद आपबीती लोगों को बताने का फैसला किया। ट्रंप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। बीते 4 मई को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक लेखिका द्वारा उन पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों को‘सबसे हास्यास्पद और घृणित कहानी’ करार दिया था। न्यूयॉर्क में 3 मई को एक वीडियो के माध्यम से ज्यूरी के समक्ष दी गई गवाही में ट्रंप ने दावा किया था कि ये आरोप ‘मनगढ़ंत’ हैं और उन्होंने मैनहट्टन के डिपार्टमेंट स्टोर में लेखिका ई. जीन कैरल के साथ कभी कोई यौन दुर्व्यवहार नहीं किया था।