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छत्तीसगढ़

प्रेमी को घर बुलाकर पति-पत्नी ने कर दी हत्या, मामले को आत्महत्या का रूप देने बाइक में शव ले जाकर रेलवे ट्रेक में फेंका

तिल्दा-नेवरा। तिल्दा के शिक्षक कॉलोनी में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। शादीशुदा महिला के एक तरफा प्यार में प्रेमी को अपनी जान गंवानी पड़ी। वार्ड 18 में रहने वाली शादीशुदा महिला ने अपने तथाकथित प्रेमी को घर बुलाकर पति के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। शव को 7 किमी दूर जलसों रेलवे फाटक के पास रेलवे ट्रेक पर फेंक दिया, ताकि यह समझा जाए कि उसकी मौत ट्रेन से गिरने या आत्महत्या करने से हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी को कुछ ही घंटों में सुलझा लिया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।मिली जानकारी के अनुसार तिल्दा के वार्ड क्रमांक 17 पुरानी शिक्षक कॉलोनी निवासी शादीशुदा युवक अनिल वर्मा 32 साल पास ही रहने वाली एक शादीशुदा महिला पर बुरी नजर रखता था, हालांकि इस बात की भी चर्चा है कि अनिल का उक्त महिला के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसकी खबर उसके पति को हो गई थी। उसके बाद से महिला ने अनिल से दूरी बना ली। बावजूद अनिल उस पर बुरी नजर रखता था और उसे परेशान करता था। इस बात को लेकर महिला काफी भयभीत थी। इसी बीच महिला ने अपने पति अश्वनी कुमार के साथ मिलकर अनिल को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया।बताया जा रहा है कि रविवार की रात अनिल के दोस्त ने छठी कार्यक्रम पर पार्टी का आयोजन किया था। पार्टी में अनिल भी शामिल हुआ और दोस्तों के साथ जमकर जाम टकराया। रात 12.15 बजे अनिल अपने घर चला गया। इसकी जानकारी अश्वनी को हुई तो उन्होंने अपनी पत्नी उषा को बताया कि आज अनिल छठी कार्यक्रम में आया था और शराब के नशे में है। कुछ देर बाद उषा ने अनिल को अपने मोबाइल से कॉल कर घर बुलाया तो अनिल ने घर आने के लिए हामी भर दी।उषा ने मिर्ची-पावड़र को एक कागज में रख लिया। साथ ही हथौड़ी और एक लोहे की रॉड और बैट भी निकालकर एक जगह रख ली। कुछ ही देर में अनिल उसके घर पहुंचा। उषा ने दरवाजा खोला और जैसे ही अनिल अंदर आया, उषा ने उसकी आंखों में मिर्ची पाउडर छिड़क दिया, जिससे अनिल की आंखें जलने लगी, तभी अश्वनी ने पास में रखी बैट उठाकर अनिल के सिर पर दे मारा। उषा ने भी हथौड़ी से उसके सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिया । इसी बीच अश्वनी ने राड से उसके ऊपर हमला कर दिया। फिर दोनों ने मिलकर रस्सी से उसका गला घोट दिया और देखते ही देखते उसके प्राण पखेरू उड़ गए।हत्या  को आत्महत्या या दुर्घटना का रूप देने के लिए दोनों ने शव ठिकाने लगाने का प्लान बनाया। अश्वनी ने बाइक स्टार्ट किया और उषा अनिल का शव लेकर पति के साथ बाइक पर बैठ गई। हत्या में प्रयुक्त राड, हथौड़ी, बैट और कपड़े भी उठा लिए। दोनों तिल्दा से लगभग 7 किलोमीटर दूर जलसो रेलवे फाटक के पास पहुंचे और रेलवे ट्रैक पर शव को फेंक दिया। दोनों ने खून से लथपथ कपड़ों के साथ बेट को कोका रोड में जला दिया और हथौड़ी राड को भी वहीं फेंक दिया। इसके बाद दोनों घर आ गए, जिस बाइक से अनिल उनके घर आया था उस बाइक को भी छुपा दिया। सोमवार की सुबह मालगाड़ी के ड्राइवर ने तिल्दा स्टेशन में मेमो दिया, जिसमें जलसो रेलवे फाटक के खंभा नंबर 800/13 के पास एक व्यक्ति कि लाश होने की जानकारी दी।स्टेशन मास्टर के द्वारा इसकी सूचना तिल्दा थाने को दी गई। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।युवक की पहचान के लिए पतासाजी शुरू की गई। उधर अनिल के घरवाले सुबह जब उठे तो अनिल घर पर नहीं था। रात को अचानक गायब हो जाने पर उनके परिजन तलाश करने लगे। तभी जानकारी मिली कि एक युवक की लाश पटरियों पर पड़ी मिली है। अनिल का भाई मौके पर पहुंचा तो उसने अपने भाई अनिल को पहचान लिया। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी।जांच के दौरान टीआई सुदर्शन धु्रव को जानकारी मिली कि अनिल रात को पार्टी में आया था। उसके बाद वह घर चला गया था। जांच के दौरान टीआई सुदर्शन धु्रव को उनके मोबाइल से पता चला कि देर रात को उसके साथ किसी ने बात की है। पुलिस को जानकारी मिली की उक्त नंबर उषा धीवर का है।पुलिस ने उषा से पूछताछ की तो पहले तो वह उल्टे-सीधे जवाब देने लगी। इसी बीच टीआई ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर से संपर्क साधा। डॉक्टर ने सीधे तौर पर तो टीआई को नहीं बताया कि मामला हत्या का है, लेकिन उन्होंने कुछ ऐसी बात बताई, जिससे पुलिस को शक हो गया कि अनिल की मौत ट्रेन से नहीं बल्कि उसकी हत्या की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पूरी तरह से खुलासा हो गया और पुलिस ने जब अश्वनी और उषा से कड़ी पूछताछ की तो दोनों टूट गए और उन्होंने पूरी कहानी पुलिस को बता दी। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर अनिल की बाइक को बरामद कर लिया है। जली बेट और कपड़ों की राख, हत्या में प्रयुक्त हथौड़ी और राड को जप्त कर लिया। जिस बाइक से अनिल को ले जाया गया था, उसे भी जप्त कर लिया गया है। इस तरह से टीआई की सूझबूझ से अंधे कत्ल का खुलासा हुआ। देर रात पुलिस ने आरोपी अश्वनी और उसकी पत्नी उषा धीवर को धारा 302.. 201 और 34 के तहत गिरफ्तार कर लिया है। मृतक अनिल सीआरपीएफ का जवान था, लेकिन बाद में उसके क्रियाकलापों को देखते हुए नौकरी से निकाल दिया गया था। उसके बाद वह कोई काम नहीं करता था। वह तीन बार जेल भी जा चुका था। अंधे कत्ल को कुछ ही घंटों में सुलझाकर आरोपियों को गिरफ्तार करने वाले टीआई सुदर्शन ध्रुव और उसकी टीम की शहर के लोग प्रशंसा कर रहे हैं।