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कोरबा

कलेक्टर के नाम आया फर्जी सरकारी निर्देश, मामला वेतन निर्धारण का

कोरबा (कोरबा टूडे़)। वेतन निर्धारण के मामले में आवश्यक कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टर के नाम एक फर्जी पत्र सचिव स्तर से भेजा गया, जो फर्जी निकला। इस पत्र को लेकर कोरबा से रायपुर तक विभागीय सनसनी व्याप्त है।मिली जानकारी के अनुसार आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के अवर सचिव के नाम व हस्ताक्षर से फर्जी पत्र जारी हुआ है। प्रेषित इस पत्र की कलेक्टर ने जब पुष्टि कराई तो फर्जी निकला। अवर सचिव सरोजनी टोप्पो के नाम से हस्ताक्षरित यह पत्र कोरबा कलेक्टर के नाम जारी हुआ था। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के वेतन निर्धारण करने के संबंध में कार्यभारित आकस्मिक निधि अंतर्गत नियमित वेतनमान को आकस्मिक स्थापना पद के विरुद्ध वेतनमान निर्धारण करने के संबंध में अनुमति/सहमति चाही गई। मजदूरी दर के वेतन निर्धारण संबंधी इस पत्र के अनुसार सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, कोरबा के अधीन कलेक्टर दर पर कार्यरत 170 कर्मचारियों का आकस्मिक निधि कार्यभारित स्थापना में समायोजित कर वेतन निर्धारण की कार्यवाही करते हुए आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्रालय को अवगत कराने कोरबा कलेक्टर को निर्देशित किया गया था। उक्त पत्र की पुष्टि करने के लिए कलेक्टर द्वारा विभागीय मंत्रालय को पत्र लिखा गया। मंत्रालय के उप सचिव एमरेंसिया खेस्स के द्वारा कलेक्टर को अवगत कराया गया कि उक्त पत्र में अवर सचिव के अंकित हस्ताक्षर फर्जी हैं तथा इस विभाग द्वारा जारी नहीं हुआ है। अतः फर्जी पत्रों के संबंध में किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं करें।