नईदिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा, भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ अगस्त के अंत में लॉन्च किया जाएगा, जबकि मानव रहित मिशन अगले साल लॉन्च होगा।
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) में एक कार्यक्रम के मौके पर सोमनाथ ने कहा, गगनयान मिशन के लिए हमने एक नया रॉकेट बनाया है, जो श्रीहरिकोटा में तैयार है। क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को जोड़ने का काम शुरू हो गया है। इस महीने के अंत तक यह काम पूरा हो जाएगा और सभी परीक्षण कर लिए जाएंगे। परियोजना के हिस्से के रूप में ‘कक्षा में मानव रहित मिशन’ अगले साल की शुरुआत में होगा। 2024 की शुरुआत में, हमारे पास कक्षा में मानवरहित मिशन होगा और वहां से इसे सुरक्षित वापस लाना है, जो तीसरा मिशन होगा। वर्तमान में हमने इन तीन मिशनों को निर्धारित किया है।
परम विक्रम-1000 का किया शुभारंभ
सोमनाथ ने पीआरएल में हाई परफार्मेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) वाले सुपर कंप्यूटर परम विक्रम-1000 का शुभारंभ किया। यह वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे विक्रम-100 से 10 गुना तेज है। सोमनाथ ने कहा, अब पीआरएल वैज्ञानिकों के पास अनुसंधान कार्य के लिए अपने मॉडल और कंप्यूटर सिमुलेशन चलाने की बेहतर क्षमता है।
गगनयान के क्रू सदस्यों की सुरक्षा सबसे अहम
सोमनाथ ने कहा, गगनयान के क्रू सदस्यों की सुरक्षा सबसे अहम है। इसके लिए हम दो अतिरिक्त चीजें कर रहे हैं। पहला, क्रू एस्केप सिस्टम और दूसरा, एकीकृत वाहन स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली। क्रू एस्केप एक पारंपरिक इंजीनियरिंग समाधान है, जिसमें कंप्यूटर पता लगाता है। वहीं, दूसरी प्रणाली अधिक बुद्धिमान है जो बिना मानवीय हस्तक्षेप के बोर्ड पर निर्णय लेती है।