Women Health Tips: हर व्यक्ति को उम्र के हिसाब से अपनी सेहत का ध्यान रखने की जरूरत होती है। खासतौर पर महिलाओं को 30 की उम्र के बाद सेहत को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस उम्र बाद शरीर में कई बदलाव होते हैं। ऐसा हो सकता है कि आपको यह बदलाव दिखे नहीं, लेकिन जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बनाने के लिए सेहत का ख्याल खासतौर से रखे।
अक्सर महिलाएं घर और ऑफिस के कामों में इस कदर उलझ जाती हैं, कि मीटिंग के लिए नाश्ता करना छोड़ देती हैं, तो घर के कामों को पूरा करने में खाना भूल जाती हैं। इससे उन्हें ज़रूरी पोषण नहीं मिलता और वे कई बीमारियों का शिकार हो जाती हैं। तो आइए जानें एक्सपर्ट्स से कि बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में कार्यकारी निदेशक- इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी और कैथ लैब के प्रमुख, डॉ. अतुल माथुर के अनुसार, ” प्राकृतिक रूप से उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई परिवर्तन आते हैं, जिसमें पोषक तत्वों की कमी और खराब स्वास्थ्य भी शामिल है। कम खाना खाने और उसके अवशोषण का स्तर कम होने से फिट रहने में बहुत समस्या आती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारा शरीर बीमारियों का शिकार बनने लगता है। इसलिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत रखने के लिए नियमित विटामिन और खनिज लेने की ज़रूरत पड़ती है। बढ़ती उम्र के साथ शरीर कम कैलोरी अवशोषित करता है, जिसके कारण पोषण के मामले में दुविधा की स्थिति बन जाती है। बुजुर्ग शरीर की जरूरतों को पूरा करने लायक खाना नहीं खा पाते हैं और इसके अलावा उनका शरीर खाने में से कम पोषण अवशोषित करता है। विटामिन आपके शरीर को बढ़ने और सही तरह से काम करने में मदद करते हैं। 13 ज़रूरी विटामिन होते हैं – विटामिन ए, सी, डी, ई, के और बी। विटामिन की तरह खनिज भी शरीर को चलाने में मदद करते हैं। खनिज ऐसे तत्व हैं जिनकी हमारे शरीर को चलाने के लिए ज़रूरत पड़ती है।”
- डॉ. नलिनी बागुल, एमडी, डीजीओ (लैप्रोस्कोपी (यूरोप) में परास्नातक, आईवीएफ में परास्नातक (लंदन)) के अनुसार, कोविड-19 के प्रकोप और लंबे समय तक घरों मे रहने के बाद लोगों ने अपनी सेहत को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। महिलाएं खास करके अपनी सेहत के प्रति सचेत हो गई है। महिलाओं के लिए एक स्वस्थ लाइफस्टाइल का होना महत्वपूर्ण है। इस स्वस्थ लाइफस्टाइल में स्वस्थ डाइट, पर्याप्त पानी का सेवन, नियमित एक्सरसाइज़ और नियमित जांच शामिल है।
- 25 से 35 वर्ष की उम्र वाली महिला के लिए गर्भधारण करना आदर्श समय होता है और इस उम्र के बाद महिलाओं के अंडों की संख्या और गुणवत्ता कम होने लगती है। महिलाओं को हार्मोनल परिवर्तन, अनियमित पीरियड्स, मुंहासों, हीमोग्लोबिन के स्तर और कैल्शियम और प्रोटीन वाली डाइट खाने के बारे में सतर्क रहना जरूरी है।
- डॉ. बागुल ने बताया, भारतीय भोजन में प्रोटीन की कमी होती है इसी को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे कि प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, विटामिन बी और डी, ओमेगा -3 फैटी एसिड के लिए स्प्राउट्स, दूध, पनीर, अंडे, मांस, मछली से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण होता है।
- फास्ट फूड के ज्यादा सेवन से सेहत सम्बंधी कई समस्याएं जैसे कि मोटापा, और हाइपरटेंशन बढ़ता है। इसलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि भूख को शांत करने के लिए ज्यादा फैट और नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करके उसकी जगह स्वस्थ खाद्य पदार्थों को खाएं।
- इसके अलावा महिलाओं में विटामिन और मिनरल्स की कमी होना आम बात है, इसलिए तैलीय, तले हुए, सोडियम युक्त और मसालेदार भोजन को महिलाएं न खाएं। इस तरह के भोजन से शरीर का वज़न बढ़ सकता है और एसिडिटी हो सकती है।
- जब महिलाओं की उम्र 20 साल हो जाए तब उन्हे डॉक्टर या गायनेकोलॉजिस्ट से नियमित रूप से विजिट करके कंसल्ट और जांच करना चाहिए और उसी हिसाब से लाइफस्टाइल का पालन करना चाहिए ।