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कोरबा

आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के हनन का लगाया आरोप, सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने ये कहा…

कोरबा। सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन होने का आरोप लगाया है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि संविधान की पांचवी अनुसूची जिला कोरबा में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की नियुक्ति में शत-प्रतिशत आरक्षण किया जाए, अनुसूचित जिला में पेसा कानून 1996 के तहत ग्राम सभा को पूर्ण अधिकार दिया जाए।

सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष युवा प्रभाग सुभाष परते सहित जिला अध्यक्ष सेवक राम मरावी, प्रदेश उपाध्यक्ष युवा प्रभाग कंदर्प राज व मनमोहन सिंह गोंड़, प्रदेश सचिव आयु सिंह राज, युवा प्रभाग कोरबा जिला अध्यक्ष केसी कंवर ने पत्रवार्ता आहूत कर कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी करने वाले को तत्काल बर्खास्त किया जाए व कानूनी दण्डात्मक कार्यवाही किया जाए। कोरबा जिला में किए गए भू-अधिग्रहण के विस्थापितों के समस्याओं का त्वरित समाधान करते हुए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाया जाए। वन अधिकार अधिनियम के तहत वन पट्टा दिया जाए। तेंदू पत्ता संग्रहाकों को बोनस दिया जाए। हसदेव आरण्य में फर्जी ग्राम सभा कर हसदेव कोल ब्लाक खोला गया जिसका आवंटन निरस्त किया जाए।

पदाधिकारियों ने कहा कि कोरबा जिले के कटघोरा व पाली अनुविभाग में एसीबी कंपनी का पॉवर प्लांट और कोलवाशरी संचालित है तथा रायगढ़ जिले के घरघोड़ा क्षेत्र के ग्राम टेंडा नवापारा में टीआरएन एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड का पॉवर प्लांट संचालित है। इनके संस्थापक व अन्य लोगों के द्वारा बड़े पैमाने पर आदिवासियों की जमीनों को सस्ते दाम में खरीदकर उद्योग संचालित किया जा रहा है। जिनके नाम से जमीन खरीदी गई है उनके भी दस्तावेज फर्जी व कूटरचित हैं। ऐसे कई लोगों के नामों को चिन्हांकित कर छत्तीसगढ़ सरकार के पास शिकायत किया जा चुका है। सभी मामलों में शीघ्र और कठोर कार्रवाई की मांग की है। कार्यवाही नहीं होने पर आने वाले समय में आंदोलन करने की बात कही है।