Home » रिश्वत का नोट निगलने वाले पटवारी की पत्नी है तहसीलदार, सैप्टिक टैंक में भी मिले नोट
मध्यप्रदेश

रिश्वत का नोट निगलने वाले पटवारी की पत्नी है तहसीलदार, सैप्टिक टैंक में भी मिले नोट

कटनी। मध्यप्रदेश में इन दिनों पटवारी भर्ती पर बड़ा बवाल मचा हुआ है। इसी बीच कटनी के पटवारी गजेंद्र सिंह रिश्वत में 500 रुपए के 9 नोट पान की तरह चबाकर निगल गया। लोकायुक्त ने मुंह से नोट निकालने की कोशिश की तो कांस्टेबल की उंगलिया चबा डाला।

पटवारी गजेंद्र ऐसे वैसे नहीं है, वे तहसीलदार के पति हैं। पटवारी गजेंद्र की पत्नी साधना कुजूर तहसीलदार हैं। वह इस समय छिंदवाड़ा जिले के मोहखेड़ तहसील की प्रभारी तहसीलदार हैं। उनसे संपर्क कर इस बात की पुष्टि की गई कि गजेंद्र उनके पति हैं। जब हमने उनसे सवाल किया कि क्या उन्हें उनके पति पर लगे आरोपों की जानकारी है ? उनका जवाब मिला है कि उन्हें जमानत मिल गई है और वे घर पर ही हैं। हालांकि तहसीलदार मैडम ने इस बात पर नाराजगी भी जाहिर की कि वे इस मसले पर उनसे क्यों बात कर रहे हैं?

नोट निगलने का यह मामला मध्यप्रदेश में लंबे समय बाद आया है, इसलिए इसकी खूब चर्चा है, लेकिन मध्यप्रदेश में इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें रिश्वत की रकम बरामद करने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी है। 2005 में पुलिस ऑफिसर्स मैस में पकड़े गए एक डीएसपी ने तो रिश्वत की रकम टॉयलेट में फ्लश कर दी थी। इसके बाद पुलिस को पैसे बरामद करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। सेप्टिक टैंक खुलवाकर नोट बरामद किया गया था।

उधर, लोकायुक्त के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना हैं कि हमारे पास आरोपी पटवारी के रिश्वत से जुड़े ऑडियो और वीडियो फुटेज हैं, जो कोर्ट में ये प्रमाणित करने के लिए काफी हैं कि पटवारी ने रिश्वत ली थी। उसके मुंह से निकले नोटों की लुगदी की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। इसमें हमें सिर्फ ये प्रमाणित करना है कि उनके मुंह में फिनाप्थलीन मिला है। ये वो रसायन है जो रिश्वत के मामले में ट्रैप करने के लिए नोटों पर लगाया जाता है। जैसे ही व्यक्ति उस नोट को हाथ में लेता है, वो रसायन उसके हाथों में लग जाता है. फिर इसमें पानी डालने पर लाल रंग उतरने लगता है। ऐसा पहली बार नहीं है जब भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के ट्रैप में फंसे किसी सरकारी मुलाजिम ने रिश्वत के नोटों को निगलने की कोशिश की हो. रिश्वत की रकम की पुष्टि के लिए आमतौर पर सभी भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियां इसी रसायन का इस्तेमाल करती हैं। नोट लेने की पुष्टि के लिए आरोपी के हाथ में पानी डाला जाता है, यदि उसके हाथ से लाल रंग उतरता है तो ये माना जाता है कि रिश्वत की रकम उसके हाथ पहुंची है।