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छत्तीसगढ़

नाली के रास्ते घुसते थे प्लांट के अंदर, फिर देते थे इस घटना को अंजाम, 13 गिरफ्तार

भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के अंदर से लोहा चोरी करने वाले गिरोह के 13 आरोपियों को भिलाई भट्ठी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य नाली के रास्ते प्लांट के अंदर आते थे। प्लांट के अंदर और बाहर ड्यूटी पर तैनात सैकड़ों सीआईएसएफ जवानों को इसकी भनक तक नहीं लगती थी और उनकी नाक के नीचे से लोहा पार कर देते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 39 लोहे की सेंट्रिग प्लेट और घटना में इस्तेमाल वाहन को जब्त कर लिया है।
दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि 5 स्टार कंस्ट्रक्शन कंपनी के सुपरवाइजर आशीष असाटी ने भट्ठी थाना में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने पुलिस को बताया था कि भिलाई स्टील प्लांट के अंदर यूनिवर्सल रेल मिल में सिविल कंस्ट्रक्शन का काम देखता है और वहां ढ़लाई के लिए 200 से अधिक सेंट्रिंग प्लेट रखी थीं। जिसमें से 39 सेंट्रिंग प्लेट को अज्ञात लोगों ने चोरी कर लिया है।

मामले को गंभीरता से लेते हुए भिलाई भट्टी और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने आरोपियों की पतासाजी शुरू की। पुलिस को जांच के दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि खुर्सीपार निवासी सागर गुप्ता और शेख शब्बीर नाम के आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया है।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ उन्होंने दो से तीन अगस्त के बीच रात में अपने साथियों तुषार वर्मा, सुमित दास, उदय पाण्डेय, मो. राहीन, हिमांश प्रसाद, अभय बघेल और 3 अन्य नाबालिग के साथ मिलकर प्लांट में चोरी करना बताया।

0 ऐसे करते थे चोरी
आरोपियों ने बताया कि प्लांट में चोरी करने के लिए तेलहा नाला के अंदर से घुसा करते थे। इसके बाद यूनिवर्सल रेल मिल के पास रखे सेंट्रिंग प्लेट के ढेर में से 39 नग लोहे की सेंट्रिंग प्लेट को नाले के रास्ते पार कर दिया। कुछ लोहे की सेंट्रिंग को टाटा एस में लोडकर सुपेला के धनेश कबाड़ी के पास बेच दिए थे। कुछ चोरी के सेंट्रिंग प्लेट को अपने पास छिपाकर रखे हुए थे। पुलिस ने कबाड़ी धनेश रॉय को भी गिरफ्तार किया है।

0 एशिया का सबसे बड़ा प्लांट
एशिया के सबसे बड़ा भिलाई स्टील प्लांट है, जिनकी सुरक्षा सीआईएसएफ की जिम्मेदारी है। सीआईएसएफ के सैकड़ों जवानों को ड्यूटी में तैनात किया गया है, इसके बाद भी चोरी करने वाले गिरोह ने तैनात सीआईएसएफ जवानों के बीच से पूरी वारदात को अंजाम देते रहे। इससे प्लांट की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के जवान की कार्यों पर प्रश्न चिह्न लग गया है।