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छत्तीसगढ़ रायपुर

रात में दो आईपीएस अफसरों के दफ्तर पहुंची ईडी की टीम, सुरक्षाकर्मी ने समंस लेने से किया इंकार

रायपुर। सट्टेबाजी में मनीलॉड्रिंग और हवाला केस में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय ने आईपीएस तथा पुलिस महकमे के राजपत्रित अधिकारियों के नाम समंस जारी कर उन्हें तामील करना शुरू कर दिया। शुक्रवार- शनिवार को 32 लोगों को समंस जारी किया गया। इनमें से रायपुर और दुर्ग में पदस्थ टीआई, एसआई, एएसआई और सिपाही समेत 20 से ज्यादा लोग ईडी दफ्तर पहुंचे। पूछताछ के बाद रात रात 10.30 बजे जाने दिया गया। उधर, ईडी की टीमें शनिवार रात 11 बजे दो आईपीएस अफसरों के दफ्तर पहुंचीं, लेकिन वहां सुरक्षाकर्मी ही मिले। उन्होंने समंस लेने से इंकार किया और कहा कि दो दिन छुट्टी है, साहब नहीं आएंगे। इसके बाद ईडी वाले लौटे लेकिन, पता चला है कि टीमें सोमवार को दिन में ही समंस लेकर उन्हीं दफ्तरों में जाने वाली हैं।

सूत्रों के अनुसार ईडी ने गिरफ्तार एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर से जुड़े राजधानी के एक इंस्पेक्टर और एक एएसआई को बुलाया है। दुर्ग में एक अधिकारी के साथ चलने वाले सिपाही को भी बुलाया गया। ईडी कोल परिवहन केस में भी इस सिपाही से लंबी पूछताछ कर चुकी है। रविवार को जिन 20 लोगों से पूछताछ की चर्चा है, उनमें 15 से ज्यादा पुलिस वाले हैं। बाकी सट्टेबाजी गिरोह से जुड़े बुकी और उनके खाते मेंटेन करने वाले सीए हैं। कुछ सराफा, सरिया और कपड़ा कारोबारियों को भी बुलाया गया है, जिनके जरिए हवाला होने की आशंका है। दो आईपीएस के करीबी लोगों से भी लंबी पूछताछ की सूचना है।

वर्मा को कब से जानते हो

शनिवार और रविवार को जिन लोगों को बुलाया गया था, उनमें से ज्यादातर से पूछा गया कि एएसआई वर्मा और सतीश चंद्राकर को कैसे जानते हो? उनसे मुलाकात कब हुई थी? दोनों ने आपको पैसा देने की बात बताई है, आपको मिला या नहीं? कब और कितना पैसा दिया, क्या हर महीने देते थे और पैसे किस बात के लिए दिए जाते थे वगैरह। ईडी ने कहा कि सबके बारे में पुख्ता सबूत हैं, इसलिए जांच में मदद करें। सभी को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाने की बात कही गई है। जिनसे पूछताछ हुई, उनमें से कुछ का कहना है कि एएसआई समेत 2 लोग पैसों का मैनेजमेंट करते थे, संभवतः ईडी के पास इसके सबूत हैं।

पुलिस वालों को दिया पैसा

ईडी ने सट्टेबाजी में जेल जा चुका या उनसे जुड़े लोगों को तलब किया है। अब तक 12 से ज्यादा सट्टेबाजी गिरोह से जुड़े लोगों से पूछताछ हो चुकी है। इसमें कुछ लोगों ने ईडी को बयान दिया है कि उन्होंने पुलिस वालों को पैसा दिया है। उनको पुलिस वाले थाने में तीन-चार घंटे बैठाए रखते थे। एक बुकी ने कहा कि उसे भी कई घंटे बैठाए रखा गया था, फिर 10 लाख लेने के बाद बिना कार्रवाई के छोड़ दिए। कुछ लोगों ने बताया कि उनके खाते में पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ था। उन्हें बुलाकर डराया-धमकाया गया, पैसा ले लिया। सट्टे से किसी भी तरह जुड़े कई लोगों को बुलाकर थाना में बैठाया जाता था।