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संस्कृत शिक्षा को मिलेगी संजीवनी – गहलोत सरकार का बड़ा फैसला

जयपुर। प्रदेश की गहलोत सरकार हर तबके को कुछ ना कुछ दे रही है। इसी कड़ी में सरकार ने संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में काम शुरू किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में 10 नवीन प्राथमिक संस्कृत विद्यालय खोलने तथा एक राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय को वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय में क्रमोन्नत करने की स्वीकृति दी है।

सीएम गहलोत ने 131 राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालयों में तृतीय श्रेणी अध्यापक के 1-1 अतिरिक्त पदों के सृजन की भी मंजूरी दी है। गहलोत की स्वीकृति से अलवर, भरतपुर, दौसा एवं सीकर जिले में 1-1 तथा जयपुर, झुंझुनूं एवं राजसमंद जिले में 2-2 नवीन प्राथमिक संस्कृत विद्यालय खोले जाएंगे। जबकि, राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय, द्यड़ी खिराना (बाड़ी), धौलपुर को वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय में क्रमोन्नत किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने संस्कृत शिक्षा विभाग के अधीन संचालित 131 प्राथमिक विद्यालयों में प्रत्येक विद्यालय के लिए तृतीय श्रेणी अध्यापक के 1-1 नवीन पद सृजित करने की भी स्वीकृति दी है। इन विद्यालयों में वर्तमान में तृतीय श्रेणी अध्यापक के 1-1 पद ही स्वीकृत हैं। अब नवीन पदों के सृजन से निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधानों की पालना सुनिश्चित हो सकेगी।