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छत्तीसगढ़ रायपुर

यूट्यूबर विलेज तुलसी में जिला प्रशासन के सहयोग से बना अत्याधुनिक स्टूडियो “हमर फ्लिक्स”

  • कलेक्टर डॉ भुरे ने किया शुभारंभ
  • जिला प्रशासन द्वारा ग्राम तुलसी में विकसित किया जाएगा डिजिटल स्किल सेंटर

रायपुर. जिले के अनूठे यूट्यूबर गांव तुलसी नेवरा में आज यूट्यूबर युवाओं के समूह में खुशी की लहर दौड़ उठी जब कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे उनके बीच उनके गांव पहुंचे और उनके लिए विशेष स्टूडियों ’’हमर फ्लिक्स’’ का उद्घाटन किया। यह स्टूडियों जिला प्रशासन और सीएसआर हाईटेक द्वारा बनाया गया है। इस अवसर पर  बीइंग छत्तीसगढ़िया यूट्यूब चैनल के क्रिएटर श्री ज्ञानेन्द्र शुक्ला सहित अन्य यूट्यूबर्स ने कलेक्टर को धन्यवाद देते हुए कहा कि जिला प्रशासन की इस सहयोग से हमारे गांव के यूट्यूबर्स को सहयोग मिलेगा और पहले से अच्छी गुणवत्ता की यूट्यूब वीडियों बना सकेंगे। पहले जिस कार्य के लिए हम महानगर जाते थे अब उसे अपने गांव में रहकर ही कर सकेंगे। साथ ही छत्तीसगढ़ परंपरा-संस्कृति का प्रचार प्रसार अधिक प्रभावी ढंग से कर सकेंगे। कलेक्टर ने यहाँ के युवाओं द्वारा बनाए गए यूट्यूब वीडियो को देखा और लाइक भी किया |

इस अवसर पर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे  ने कहा कि तुलसी गांव एक हमारे जिले ही नही प्रदेश का अनूठा यूट्यूबर विलेज है जहाँ 40 युवा यूट्यूबर का काम करते हैं जिनके 10 लाख से भी ज्यादा फॉलोवर्स हैं। इनके बनाये वीडियो में 3 करोड़ से ज्यादा व्यू मिले हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है। इस स्टूडियो के माध्यम से यहाँ के युवाओं के टैलेंट और उनके माध्यम से अन्य युवाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होेंने कहा कि हम यहां 15 लाख रूपये की लागत से डिजिटल स्किल सेंटर भी डीएमएफ के माध्यम से बनाएंगे, जहां यूट्यूब और सोशल मीडिया से जुड़े युवा डिजिटल मार्केटिग, ग्राफिक डिजाइनिंग, एसईओ जैसे स्किल्स सीख पाएंगे।

गौरतलब है कि तुलसी गांव का हमर फ्लिक्स स्टुडियों यूट्यूबर्स और क्रिएटर्स के लिए आवश्यक उपकरण से लैस है। अत्याधुनिक कैमरे, ड्रोन कैमरे, हाइएंड कंप्यूटर जैसे उपकरण जिला प्रशासन ने उपलब्ध कराए है। शूटिंग के साथ-साथ एडिटिंग के लिए भी सॉफ्टवेयर्स की व्यवस्था की गई है। स्टूडियो में ऑडियो लैब भी बनाया गया है जहां ऑडियो मिक्सर सॉफ्टवेयर और उपकरण से क्रिएटर्स आसानी से ऑडियो रिकॉर्डिंग और मिक्सिंग कर पाएंगे साथ ही पॉडकास्टिंग भी कर पाएंगे। 25 लाख की लागत से इस स्टूडियों को तैयार किया गया है। साथ ही यह आर्टिस्ट एसोसिएशन भी बनाया जाएगा जिसके लिए जिला प्रशासन आर्ट से संबंधित संस्थानों के साथ एमओयू कर युवाओं को डिजिटल क्षेत्र में बेसिक और प्रोफेशनल कौशल सीखा कर उन्हें भविष्य के लिए तैयार कर पाएंगे।