राजस्थान. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार महत्वाकांक्षी राजस्थान मिशन-2030 पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रगति को 10 गुना गति देने में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। राज्य सरकार एक करोड़ लोगों से उनके सपनों के राजस्थान के लिए सलाह और सुझाव ले रही है। इन्हीं के आधार पर राजस्थान का विजन-2030 डॉक्यूमेंट तैयार कर जारी किया जाएगा। सीएम गहलोत बुधवार को भीलवाड़ा के टाउन हॉल में आयोजित राजस्थान मिशन-2030 कार्यक्रम में उद्योग, व्यापार, डेयरी, खनन, वाणिज्यक कर, पर्यावरण, चिकित्सा एवं कला क्षेत्र के हितधारकों से संवाद कर रहे थे।
उद्योगों के लिए राज्य में बेहतरीन माहौल सीएम गहलोत ने कहा कि उद्योगों के लिए राज्य में बेहतरीन माहौल है। राज्य सरकार उद्योगपतियों को विभिन्न सुविधाएं और पैकेज दे रही है। इससे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों में विश्वास बढ़ा है और वे राज्य में इकाइयां स्थापित करने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाड़मेर में रिफाइनरी, पेट्रोकैमिकल्स कॉम्प्लेक्स की स्थापना से बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा और राज्य के आर्थिक विकास को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त माह में बारिश कम होने तथा बिजली की मांग अधिक होने के कारण बिजली की कमी की अल्पकालीन समस्या उत्पन्न हुई। जिसे दूर करने के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं और उद्योगों को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हम सभी ने मिलकर पिछले पांच साल में राजस्थान की प्रगति को 4 गुना बढ़ाया है। अब इसे वर्ष 2030 तक 10 गुना तक ले जाना है। इसके लिए आम आवाम से आह्वान है कि वे विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए बहुमूल्य सुझाव-विचार साझा करें। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में भीलवाड़ा मॉडल ने देश में एक नई मिसाल पेश की। यहां के व्यापारियों, धर्मगुरूओं, पुलिसकर्मियों, चिकित्सकीय समूहों और आमजन ने जिस तरह मिलकर राजस्थान में देश का सर्वश्रेष्ठ कोविड प्रबंधन किया। अब उसी एकजुटता से मिशन-2030 के लिए प्रदेश की प्रगति को गति देनी होगी। सीएम गहलोत ने कहा कि विजन-2030 डॉक्यूमेंट प्रदेशवासियों की प्रगति का संकल्प बनेगा। मिशन-2030 को ध्यान में रखकर ही राज्य में जिलों की संख्या 33 से बढ़ाकर 50 की गई है। इससे प्रगति की रफ्तार तेज होगी और आमजन के कार्य सुगमता से होंगे।
विभिन्न क्षेत्रों में राज्य ने की अभूतपूर्व प्रगति
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान अब पहले जैसा नहीं रहा। सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, महिला सशक्तिकरण, रोजगार, आर्थिक विकास, आधारभूत सरंचना विकास, सोलर ऊर्जा सहित हर क्षेत्र में हम काफी आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच), राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी कानून लाए गए, जो कि देश में अन्य किसी राज्य में नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। प्रदेश में बड़ी संख्या में सब-सेंटर, पीएचसी, सीएचसी, चिकित्सा महाविद्यालय, विश्वविद्यालय खोले गए हैं। देश का सबसे बड़ा आईपीडी टावर सवाई मानसिंह अस्पताल में बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आईआईटी, एम्स, लॉ, आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थानों की स्थापना से क्षेत्र के शैक्षिक विकास को गति मिली है। इससे युवाओं को अब उच्च अध्ययन के लिए बाहर नहीं जाना पड़ रहा है।
शिक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता
सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 303 कॉलेज खोले गए हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में भी हमने बहुत तरक्की की है। राज्य में करीब साढे़ चार हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। जोधपुर के भडला में एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट स्थापित किया गया है।
महात्मा गांधी नरेगा क्रान्तिकारी योजना
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना देश की महत्वपूर्ण एवं क्रान्तिकारी योजना है। इस योजना के कारण ही कोरोना काल में लोगों को रोजगार मिला। राज्य सरकार ने अब राजस्थान में इसका दायरा 100 दिन से बढ़ाते हुए 125 दिन कर दिया है। साथ ही शहरी क्षेत्र में भी इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गांरटी योजना शुरू की गई है। जिसमें भी 125 दिन का रोजगार दिया जा रहा है।
विभिन्न क्षेत्र के लोगों से संवाद और सुझाव सीएम
गहलोत ने कार्यक्रम में उद्योगपतियों, व्यापारियों, खनन, डेयरी, वाणिज्यक कर, पर्यावरण, चिकित्सा एवं कला क्षेत्र से जुडे़ लोगों से उनके सुझाव लिए। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार राज्य बजट में उद्योग क्षेत्र सहित विभिन्न वर्गाें से प्राप्त सुझावों को शामिल किया गया। उसी तरह मिशन-2030 के तहत तैयार होने वाले विजन डॉक्यूमेंट में भी सुझावों को शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत, श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई, जनअभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर, बंजर भूमि चारागाह विकास बोर्ड के अध्यक्ष संदीप चौधरी, विधायक गायत्री देवी सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा उद्योगपति एवं विभिन्न क्षेत्रों के हितधारक उपस्थित रहे।