गाजियाबाद। आखिरकार इंडियन ऑयल के अधिकारी के अर्जी पर 7 साल बाद कोर्ट ने अधिकारी के पक्ष में फैसला सुना दिया है। अधिकारी को पत्नी से तलाक मिल गया है।
दरअसल पति ने पत्नी के खिलाफ बूढ़ी दादी और बहन की पिटाई का आरोप लगाते हुए तलाक की अर्जी लगाई थी। पति की अर्जी पर सुनवाई करते हुए परिवार न्यायालय की न्यायाधीश अर्चना रानी ने तलाक दिए जाने का आदेश दिया। प्रताड़ित पति इंडियन ऑयल में अधिकारी हैं जबकि पत्नी दिल्ली के एक स्कूल में शिक्षिका है। दोनों ट्रॉनिका सिटी थाना क्षेत्र में रहते थे। पति ने पत्नी पर क्रूरता का आरोप लगाकर छह वर्ष पहले परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी लगाई थी। शादी के 11 साल बाद तलाक का मुकदमा किया था उसके सात वर्ष बाद अदालत ने तलाक दिया।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता उमेश भारद्वाज ने बताया कि ट्रॉनिका सिटी निवासी प्रवीन राजोरिया की शादी 10 दिसंबर 2005 को दिल्ली निवासी संतोष के साथ हुई थी। प्रवीन इंडियन ऑयल में अधिकारी हैं जबकि संतोष दिल्ली में शिक्षिका है। प्रवीन राजोरिया ने अदालत को बताया था कि उनके माता-पिता की कई वर्ष पहले मौत हो गई थी।
परिवार में उनके साथ 90 वर्ष की बूढ़ी दादी और अविवाहित बहनें रहती हैं। प्रवीन का आरोप था कि पत्नी संतोष बूढ़ी दादी और अविवाहित बहनों के साथ मारपीट और गाली-गलौज करती थी। उन्होंने कई बार पत्नी को समझाने का प्रयास किया था। इसके बाद भी पत्नी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रही थी। वर्ष 2016 में प्रवीन ने पत्नी संतोष से तलाक लेने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की। अदालत ने सुनवाई के बाद पति के परिजनों के साथ क्रूरता को आधार मानते हुए तलाक स्वीकार कर लिया है।