राजस्थान. राजस्थान को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार महत्वाकांक्षी राजस्थान मिशन-2030 पर काम कर रही है। प्रदेश की प्रगति को 10 गुना गति देने में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। राज्य सरकार 1 करोड़ लोगों से उनके सपनों के राजस्थान के लिए सलाह और सुझाव ले रही है. इन्हीं के आधार पर राजस्थान का ‘विजन-2030 डॉक्यूमेंट’ तैयार कर जारी किया जाएगा। अब तक 50 लाख से अधिक आमजन के सुझाव प्राप्त हो चुके हैं।
50 लाख से अधिक आमजन के सुझाव
प्राप्त प्रदेश में जारी चुनावी हलचलों के बीच गहलोत सरकार के ‘राजस्थान मिशन 2030’ अभियान को एक पखवाड़े से ज्यादा का समय हो चुका हैं। 22 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी में बिड़ला सभागार में हुए एक राज्य स्तरीय समारोह में अभियान का विधिवत आगाज हुआ था। ये अभियान 30 सितंबर तक चलेगा। अब तक 18 दिन में अलग अलग प्लेटफार्म के जरिए 50 लाख से अधिक आमजन के सुझाव प्राप्त हो चुके हैं।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत की प्रगतिशील सोच की संकल्पना को साकार करने और राज्य को 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राजस्थान मिशन – 2030 के तहत राज्य का विज़न -2030 दस्तावेज तैयार किया जा रहा है। इसके तहत राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा आमजन और हितधारकों के साथ संवाद कर राजस्थान को 2030 तक प्रत्येक क्षेत्र में सिरमौर बनाने के लिए सुझाव आमंत्रित किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मिशन-2030 के तहत जनकल्याण एप के माध्यम से फेस टू फेस सर्वे किया जा रहा है जिसके तहत लगभग 40 लाख से अधिक भागीदारों से संवाद कर सुझाव लिए जा चुके हैं। वहीं मिशन-2030 की वेबसाइट के माध्यम से लगभग 80 हजार से अधिक नागरिकों और विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों से सुझाव प्राप्त हो चुके हैं. इसी क्रम में विभागीय हितधारकों के साथ परामर्श, आइवीआर सर्वे, इंटरैक्टिव विडियो सर्वे एवं फॉर्म भरवाकर लगभग 10 लाख से अधिक भागीदारों से सुझाव लिए जा चुके हैं। जिनका अध्ययन विश्लेषण कर उन्हें विज़न-2030 दस्तावेज में शामिल किया जायेगा. उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों के द्वारा ऑनलाइन सेंसिटाइज़ेशन कार्यक्रम भी आयोजित किये गए हैं। जिनके दौरान लगभग 26 लाख से अधिक कार्मिकों और नागरिकों ने मिशन-2030 के बारे में जानकारी प्राप्त की है।