कोरबा। प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत 14 सितंबर को जिले के निजी स्कूल बंद रहेंगे। इसके पीछे की वजह छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों के 250 करोड़ रुपए रोके जाने पर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन में नाराजगी है। वहीँ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन 21 सितंबर को रायपुर में आंदोलन करने की तैयारी में है।
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन पैसा बढ़ाने, समय पर पैसा जारी करने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर उतरेगा। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि आंदोलन के पहले चरण में 14 सितंबर को प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को बंद रखा जाएगा। पहले चरण के प्रदर्शन के बाद ही स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी मांग को पूरी नहीं करेंगे, तो फिर सड़क की लड़ाई लड़ी जाएगी। आंदोलन के दूसरे चरण में 21 सितंबर को रायपुर में प्रदेश के सभी निजी स्कूल संचालक एकजुट होंगे और विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। यह राशि शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत पात्र बच्चों को पढ़ाने के बदले स्कूलों को विभाग को जारी करनी थी। प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों का प्रतिनिधित्व करने वाले छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि विभाग ने वर्ष 2020-2021 और 2021-22 की राशि अब तक जारी नहीं की है। राशि नहीं मिलने से छोटे स्कूलों के संचालन में परेशानी हो रही है।
यह है प्रमुख मांग
0 पिछले 12 वर्षों से आर.टी.ई. की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है, इसी वर्ष से वृद्धि की जाए।
0 बसों की पात्रता अवधि छत्तीसगढ़ में 12 वर्ष है पात्रता अवधि छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष किया जाना चाहिए।
0 निजी स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं को भी सरस्वती साइकिल योजना का लाभ दिया जाए।
0 आरटीई की रुकी हुई प्रतिपूर्ति राशि को अविलंब स्कूलों के खाते में हस्तांतरित किया जाए।
0 निजी स्कूलों के सभी खातों को पीएफ़एमएस के अंतर्गत पंजीकृत किया जाए।
0 गणवेश की राशि 540 रुपए से बढ़कर 2000 की जाए।
0 निजी विद्यालय में अध्ययनरत एसटी/एससी/ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाले प्री मैट्रिक व पोस्ट मीट्रिक छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाई जाए।
0 निजी स्कूलों के अध्यापकों को स्कूली शिक्षा में भर्ती पर बोनस अंक प्रदान किया जाए,जैसे आत्मानंद के शिक्षकों को किया जाता है।