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shree narayan kavach path
धर्म

संपूर्ण मनोकामनाएं को पूर्ण करने के लिए करें श्री नारायण कवच का पाठ

Shree Narayan Kavach Path – मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए करें श्री नारायण कवच का पाठ

Shree Narayan Kavach Path – श्री नारायण कवच श्रीमद्भागवत महापुराण के छठे स्कंद के आठवें अध्याय से लिया गया है जो कि भगवान विष्णु जी को समर्पित हैं, इसमें कुल 42 श्लोक हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इन सभी मंत्रों का जाप संपूर्ण श्रद्धा भाव से करता है, उस व्यक्ति की संपूर्ण मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण हो जाती है। नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति के लिए इस कवच का पाठ करना अत्यंत लाभप्रद माना गया है। शास्त्रों में यह भी लिखा गया है कि इस कवच का नित्य नौ बार पाठ करने से इसका प्रभाव और भी अधिक हो जाता है। वैसे तो नारायण कवच का पाठ नियमित करना चाहिए परन्तु समय आभाव में आप इसे गुरुवार के दिन एक बार कर ले तो भी यह फलदायी होता है। इसी नारायण कवच की मदद से भगवान इंद्र ने असुरों पर विजय प्राप्त की थी और स्वर्ग पर आए संकट को समाप्त किया था।

श्री नारायण कवच का महत्त्व – Importance of Shree Narayan Kavach Path

श्री नारायण कवच एक अत्यंत ही चमत्कारी एवं दिव्य स्तुति है। यह भगवान श्री विष्णु जी को समर्पित है। सनातन हिन्दू धर्म में भगवान श्री विष्णु जी को त्रिमूर्तिओं में से एक माना गया है। भगवान् विष्णु अत्यंत दयालु व कृपा निधान हैं वह अपने भक्तों को समस्त प्रकार के कष्टों से बचाते हुए उनकी हर परिस्थिति में रक्षा करते हैं। विष्णु जी हिन्दू सनातन धर्म के प्रमुख देवी – देवताओं में से एक हैं। भगवान श्री विष्णु जी को ब्रह्माण्ड के कुशल सञ्चालन के लिए उत्तरदायी माना गया है। श्री नारायण कवच भगवान् श्री विष्णु जी को समर्पित एक दिव्य कवच है जिसके माध्यम से आप भगवान् श्री हरी विष्णु जी को बड़ी सरलता से प्रसन्न करके उनकी अन्नय भक्ति एवं कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आप अपने जीवन में किसी समस्या से अत्यंत दुखी है, कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है तो ऐसे में श्री नारायण कवच का पाठ करना आपके लिए अद्भुत परिणाम देने योग्य माना गया है। आप इस स्तुति का भगवान विष्णु जी के सम्मुख बैठकर नित्य-प्रतिदिन श्रद्धा से पाठ करें। कहा जाता है कि जीवन में किसी भी प्रकार के भय एवं शत्रु समस्या के निवारण के लिए आप श्री नारायण कवच का पाठ करके अपनी रक्षा स्वयं कर सकते हैं।

नारायण कवच से होने वाले फायदे

1: प्रतिदिन नारायण कवच का पाठ करने वाले जातक को जीवन में हर प्रकार का सुख, समृद्धि एवं अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।

2: सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि इन श्लोकों का उच्चारण करने वाले व्यक्ति को भूत-प्रेत, हिंसक जीव-जंतु, चोर-डाकू आदि से किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता। इसका नियमित पाठ करना व्यक्ति को सामर्थ्यवान बनाती है।

3: जीवन के समस्त प्रकार के भय इन मंत्रों के नियमित पाठ से दूर हो जाते हैं।

4: इस शक्तिशाली मंत्र का पाठ निष्ठा पूर्वक करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। स्वयं भगवान विष्णु आपकी रक्षा करते है और आपके जीवन को सुख और समृद्धि से भर देते हैं ।

5: नारायण कवच का पाठ करने वाले प्राणी के किसी भी कार्य में हो रही रुकावटे भगवन विष्णु के प्रभाव से स्वयं ही दूर हो जाती है।

6: श्री नारायण कवच के पाठ को अगर नियमित और सही तरीके से किया जाए तो जातक को अपने अंदर असीम शक्ति का अहसास होने लगता है।

नारायण कवच के पाठ की विधि

श्री नारायण कवच का पाठ संपूर्ण विधि विधान के द्वारा ही किया जाना चाहिए। सबसे पहले स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर ले। फिर पूर्वा-विमुख होकर भगवान विष्णु की प्रतिमा के सम्मुख आसान ग्रहण करें, भगवान विष्णु जी का ध्यान करते हुए उनके अष्टाक्षरी मंत्र “ॐ नमो नारायणाय” और द्वादशाक्षरी मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जप करें तत्पश्चात आप श्री नारायण कवच का पाठ आरंभ कर सकते हैं।

श्री नारायण कवच का पाठ सम्पूर्ण होने के बाद भगवान विष्णु को गुड़, चना, बेसन के लड्डू, केला आदि का भोग अवश्य लगावें।

हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी को समर्पित है ऐसा माना गया है कि भगवान् श्री विष्णु जी की पूजा के लिए गुरुवार का दिन अत्यंत श्रेष्ठ होता है इस दिन विधि विधान से श्री नारायण कवच का पाठ करने से भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं

यदि नारायण कवच का पाठ और गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ एक साथ किया जाये तो व्यक्ति के जीवन में अद्भुत परिणाम देखने को मिलते हैं। ये दोनो ही श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित है। दोनों स्तोत्र पापनाशक,नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति व सुरक्षा देने वाले हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु की साधना की जाए और श्री नारायण कवच का पाठ किया जाए तो भक्तों को भगवान का विशेष स्नेह प्राप्त होता है और हर तरह के संकट से मुक्ति मिल जाती है। इस प्रभावशाली पाठ के नियमित रूप से पाठ करने से मनुष्य की समस्त मनोकामनायें शीघ्र ही पूर्ण होती हैं और जातक को सुख, सौभाग्य, समृद्धि, स्वास्थ्य आदि में विशेष लाभ होता है।