कोरबा। जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने के बाद अस्पताल लगातार सुर्खियों में हैं। विगत 19 सितंबर को एक बड़ी लापरवाही सामने आई थी। मरीजों को 15 दिन पहले सोनाग्राफी का डेट दिया गया था, लेकिन जब मरीज पहुंचे तो उन्हें छुट्टी घोषित होने की बात कही गई। मरीजों को बैरंग वापस लौटना पड़ा। अब एक बार फिर सर्जिकल वार्ड में महिला मरीज के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार महिला सर्जिकल वार्ड में गार्ड के सुपरवाईजर ने रात्रि में आकर सभी मरीजों और परिजनों से दुर्व्यवहार करते हुए तेज आवाज में हंगामा मचाया। घटना के बाद से मरीज व परिजन सहमे हुए हैं। सुपरवाईजर द्वारा महिला से दुर्व्यवहार का वीडियो भी सोशल मिडिया पर वायरल हो रहा है।
ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया है। 12 दिन पहले मरीजों को सोनाग्राफी का डेट दिया गया था। सोनाग्राफी की तिथि 19 सितंबर 9.30 बजे दी गई थी। निर्धारित समय के अनुसार मरीज जब सोनाग्राफी विभाग में पहुंचे तो ताला लगा हुआ था। लगभग आधा दर्जन मरीज कुर्सी में बैठकर इंतजार करते रहे, लेकिन घंटों तक विभाग का ताला नहीं खुला। कुछ देर बाद कर्मचारियों ने गर्भवती महिलाओं और अन्य मरीजों को बताया कि आज छुट्टी घोषित की गई है। अब सवाल यह उठता है कि जब छुट्टी घोषित है तो सोनाग्राफी का डेट क्यों दिया गया ? मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने के बाद भी अस्पताल में लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे में दूरदराज से आने वाले मरीजों को अनावश्यक रूप से परेशान होना पड़ रहा है।