Home » इंडोनेशिया में तीन भारतीय नाविक सात माह से बंधक, जांच में निर्दाेष घोषित फिर भी रिहा नहीं
देश

इंडोनेशिया में तीन भारतीय नाविक सात माह से बंधक, जांच में निर्दाेष घोषित फिर भी रिहा नहीं

मुंबई। इंडोनेशिया के अधिकारियों ने तीन भारतीय नाविकों को पिछले सात माह से अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा है। नाविक संघ ने इसे अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन के नियमों और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करार दिया है। कहा है कि इंडोनेशिया के अधिकारियों के पास भारतीय नाविकों को बंधक बनाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

गैबान के झंडे वाले जहाज एमटी आशी के फरवरी में नियास द्वीप के पास पहुंचने के बाद पर्यावरणीय क्षति का आरोप लगाते हुए नाविकों को गिरफ्तार कर लिया था। इंडोनेशियाई अधिकारियों द्वारा की गई जांच में तीनों भारतीय नाविकों- कैप्टन संजीव कुमार भास्कर, मुख्य अभियंता संजय कुमार पांडे और मुख्य अधिकारी सियाब सलाम को निर्दाेष घोषित किया गया है। आल इंडिया सीफेरर एंड जनरल वर्कर्स यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष अभिजीत सांगले ने कहा कि जहाज एमटी आशी के कारण हुए नुकसान की भरपाई करना जहाज के मालिक के साथ-साथ संरक्षण और क्षतिपूर्ति (पीएंडआई) क्लब की जिम्मेदारियां और देनदारियां हैं। दुर्घटना और रिसाव का मुद्दा कंपनी और इंडोनेशियाई अधिकारियों के बीच है। इनमें नाविकों का कोई दोष नहीं है। इंडोनेशियाई के अधिकारियों ने मामले में गहन जांच की और जांच में उनका सहयोग करने वाले इन भारतीय नाविकों को निर्दाेष पाया गया। फिर भी उन्हें बंधक बना लिया गया है, क्योंकि इंडोनेशियाई अधिकारियों को कंपनी द्वारा पर्यावरणीय क्षति के लिए भुगतान नहीं किया गया है। बंधक बनाए गए नाविक सियाब सलाम से उनके परिवार के जरिये संपर्क किए जाने पर उन्होंने कहा, हमारे पासपोर्ट को इंडोनेशिया ने जब्त कर लिया है। हार्बर मास्टर ने जहाज से संबंधित सभी दस्तावेज अपने पास रख लिए हैं। इंडोनेशिया के अधिकारियों ने अपनी जांच पूरी कर ली है, फिर भी हम फरवरी से यहां फंसे हैं। सियाब सलाम का परिवार नालासोपारा में रहता है। सलाम की मां मरियम्मा बेटे को वापस लाने के लिए दर-दर भटक रही हैं। उन्होंने शिपिंग महानिदेशक को भी पत्र लिखा है। मरियम्मा ने लिखा, मेरे बेटे को कंपनी ने वेतन नहीं दिया है, वह परेशान है। कृपया मेरे बेटे को वापस लाएं। वह मेरे परिवार में एकमात्र कमाने वाला सदस्य है। सलाम की पत्नी ने कहा कि घर चलाना बहुत कठिन हो गया है, हम सदमे में हैं। हमारा 20 महीने का बेटा है जिसने अपने पिता को केवल वीडियो काल पर देखा है। हम सरकार से अनुरोध करेंगे कि कृपया मेरे पति को भारत वापस लाने में मदद करे।