नईदिल्ली। इजरायल और हमास आतंकियों में चल रहे संघर्ष के बीच इजरायल में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन अजय के तहत 212 भारतीयों का पहला जत्था तेल अवीव से गुरुवार की रात करीब एक बजे चार्टर्ड विमान से रवाना हुआ।
शुक्रवार को भारत पहुंच जाएगा।
मिली जानकारी के मुताबिक, इजरायल में तकरीबन 18 हजार भारतीय हैं। इनमें से काफी संख्या में लोगों ने भारत सरकार से वापस लौटने के लिए संपर्क साधा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को बताया कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वहां से निकालने के लिए ऑपरेशन अजय की शुरुआत की गई है। इसके तहत पहली चार्टर्ड फ्लाइट गुरुवार रात तेल अवीव पहुंच गई थी। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ऩे पर सरकार भारतीय वायु सेना के विमानों की मदद भी ले सकती है, अभी सिर्फ चार्टर्ड विमानों की मदद ली जा रही है। बागची ने बताया कि इजरायल में 18 हजार भारतीय होने के अलावा कुछ भारतीय गाजा पट्टी में भी फंसे हैं। इसमें कश्मीर की एक महिला भी है, जिसकी जानकारी विदेश मंत्रालय को है। इनको वहां से निकाले जाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ऩे पर वहां भी ऐसा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फिलहाल इजरायल में रहने वाले सभी भारतीयों से कहा गया है कि वह तेल अवीव स्थित दूतावास से संपर्क करें और सरकार की वेबसाइट पर पंजीयन कराएं। इससे भविष्य में कोई आपातकालीन स्थिति में कदम उठाया जा सकेगा। बताया जाता है कि अब तक सात हजार भारतीय पंजीकरण करा चुके हैं।
उधर, काठमांडू से नेपाली अधिकारियों ने बताया कि नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद 253 नेपाली छात्रों को लेकर इजरायल से स्वदेश के लिए उड़ान भर चुके हैं। कनाडा ने भी अपने 130 नागरिकों का पहला जत्था वहां से निकाल लिया है। अन्य देश भी अपने नागरिकों को उड़ानों के जरिए सुरक्षित निकालने में लगे हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि जो लोग इजरायल से भारत लौट रहे हैं, उन्हें निशुल्क लाया जा रहा है। सरकार उनकी वापसी का खर्च वहन कर रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को ऑपरेशन अजय की शुरुआत को लेकर एक विशेष बैठक की अध्यक्षता की। इसमें उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया। बागची ने कहा कि विदेश मंत्रालय लगातार अपने तेल अवीव स्थित दूतावास व खाड़ी क्षेत्र के कई देशों जैसे मिस्त्र, सीरिया आदि के संपर्क में हैं। हम पूरी स्थिति पर काफी करीबी नजर बनाकर रखे हुए हैं।
बताया गया है कि अगले दो-तीन दिन काफी महत्वपूर्ण हैं और हालात को देखकर ही अंतिम फैसला किया जाएगा। तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास चौबीसों घंटे काम कर रहा है और सभी भारतीयों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश हो रही है, ताकि आपातकालीन स्थिति में सभी को बाहर निकालने का काम हो सके। दूतावास के अधिकारी वहां कार्यरत भारतीय कंपनियों और इनके कर्मचारियों से, विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढऩे वाले भारतीयों छात्रों से और बतौर नर्स काम करने वाले भारतीयों से अलग-अलग समूह में संपर्क साधा जा रहा है। दूतावास का हर कर्मचारी लगातार काम कर रहा है और अधिकांश मामलों में आनलाइन बैठक की जा रही हैं। भारतीय दूतावास की तरफ से इंटरनेट मीडिया पर भी जानकारी दी जा रही है।