दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत 2036 ओलंपिक का आयोजन देश में करने के लिये अपने प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा क्योंकि यह 140 करोड़ भारतीयों का सपना है। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सत्र का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘ मैं आपके सामने 140 करोड़ भारतीयों की भावना रखना चाहूंगा। भारत अपनी धरती पर 2036 के ओलंपिक का आयोजन के प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा।’’ उन्होंने कहा ,‘‘यह 140 करोड़ भारतीयों का सपना है , उनकी आकांक्षा है।इस सपने को हम आपके सहयोग से पूरा करना चाहते हैं। इससे पहले भारत 2029 में होने वाले युवा ओलंपिक की मेजबानी का भी इच्छुक है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ,‘‘ मुझे विश्वास है कि भारत को आईओसी का निरंतर सहयोग मिलता रहेगा।भारत बड़े स्तर पर वैश्विक आयोजन की मेजबानी के लिये तैयार है। यह दुनिया ने जी20 की मेजबानी के दौरान देखा है।’’ उन्होंने आगे कहा ,‘‘ अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति का 141वां सत्र भारत में होना बहुत ही खास है। 40 साल बाद भारत में आईओसी का सत्र होना हमारे लिये बहुत गौरव की बात है।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ बीते वर्षों में भारत ने हर प्रकार के वैश्विक खेल टूर्नामेंट आयोजित करने के अपने सामर्थ्य को साबित किया है। हमने हाल ही में शतरंज ओलंपियाड का आयोजन किया जिसमें विश्व के 186 देश शामिल हुए। हमने महिला फुटबॉल अंडर 17 विश्व कप, पुरूष हॉकी विश्व कप, निशानेबाजी विश्व कप की भी मेजबानी की।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ भारत में हर वर्ष दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग में से एक (आईपीएल) का भी आयोजन करता है। इस समय भारत में क्रिकेट विश्व कप भी चल रहा है। उत्साह के इस माहौल में सब यह सुनकर भी खुश हैं कि आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने क्रिकेट को 2028 ओलंपिक में शामिल किये जाने का प्रस्ताव रखा है।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ हमें उम्मीद है कि इस बारे में जल्दी ही सकारात्मक खबर सुनने को मिलेगी।’’ उन्होंने अहमदाबाद में विश्व कप में भारत की पाकिस्तान पर जीत का जिक्र करते हुए कहा ,‘‘अब से कुछ मिनट पहले भी भारत ने अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम में बहुत ही शानदार जीत दर्ज की है। मैं टीम भारत को और सभी भारतवासियों को इस ऐतिहासिक जीत की बधाई देता हूं।’’
उन्होंने भारत की प्राचीन खेल परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा ,‘‘ खेल भारत में हमारी संस्कृति का, हमारी जीवनशैली का अहम अंग रहा है। भारत के गांवों में खेलों के बिना हमारा हर उत्सव अधूरा है। हम भारतीय सिर्फ खेलप्रेमी नहीं बल्कि हम खेलों को जीने वाले लोग हैं और यह हजारों वर्षों के हमारे इतिहास में परिलक्षित होता है।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ सिंधु घाटी की सभ्यता हो, हजारों साल पहले का वैदिक काल हो , हर कालखंड में खेलों को लेकर भारत की विरासत समृद्ध रही है। हमारे यहां हजारों साल पहले लिखे ग्रंथों में चौसठ विधाओं में पारंगत होने की बात कही जाती है जिनमें से अनेक विधाये खेलों से जुड़ी है जैसे घुड़सवारी, धनुर्विद्या, तैराकी, कुश्ती आदि।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ खेलों में कोई हारता नहीं है। खेल में बस विजेता और सीखने वाले होते हैं।
खेल की और भावना सार्वभौमिक है। खेल बस प्रतिस्पर्धा नहीं है , यह मानवता को अपने विस्तार का अवसर देता है। रिकॉर्ड कोई भी तोड़े, पूरी दुनिया उसका स्वागत करती है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा ,‘‘ खेल हमारे ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के भाव को भी सशक्त करते हैं। इसलिये हमारी सरकार हर स्तर पर खेल को बढावा देने के लिये काम कर रही है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया विंटर गेम्स और जल्द आयोजित होने वाले खेलो इंडिया पैरा खेल इसके उदाहरण है।’’ उन्होंने कहा कि खेल दुनिया को जोड़ने का एक और सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा ,‘‘ खेल सिर्फ पदक जीतने का नहीं, बल्कि दिलों को जीतने का माध्यम है। खेल सबका है और सबके लिये है।
खेल सिर्फ चैम्पियन ही तैयार नहीं करते बल्कि विश्व को शांति, प्रगति और कल्याण की ओर भी अग्रसर करते हैं।’’ इससे पहले आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाख ने अपने संबोधन की शुरूआत हिन्दी में ‘नमस्ते’ के साथ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से कहा ,‘‘ आपका बहुत बहुत स्वागत है।’’ उन्होंने कहा ,‘‘भारत प्रेरणास्पद जगह है। पूरे ओलंपिक समुदाय को एशियाई खेलेां में भारत के प्रदर्शन पर गर्व है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि कृत्रिम मेधा और ई स्पोटर्स ओलंपिक आंदोलन के लिये दो नये मौके हैं। उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक 2024 कृत्रिम मेधा से पूर्व के युग के आखिरी ओलंपिक होंगे।