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कोरबा

सरकारी व आदिवासी की जमीनों को निजी बताकर बेचा

जमीन दलालों पर प्रशासन का शिकंजा, जांच के बाद होगी एफआईआरकोरबा। फर्जीवाड़ा कर जमीन की खरीदी बिक्री करने वाले दलालों पर प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पटवारी आफिस के कंप्यूटर ऑपरेटर से सांठगांठ कर जमीन की खरीदी बिक्री में शामिल भू माफियाओं पर अब एफआईआर दर्ज किया जाएगा। प्रशासन की इस कार्रवाई से जमीन दलालों में हड़कंप मच गया  है।ज्ञात हो कि सरकारी और आदिवासी जमीनों को निजी बताकर बेचने की शिकायत विभाग को लगातार मिल रही थी। शिकायत के बाद प्रशासन ने जांच शुरू की तो कई चौकाने वाले प्रकरण सामने आने लगे हैं। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दलालों पर एफआईआर दर्ज किया जाएगा। प्रशासनिक कार्रवाई की भनक लगते ही कई भू-माफिया भूमिगत हो गए हैं। एक मामला डीडीएम रोड में सामने आया है। यहां खसरा नंबर 670/4 आदिवासी भूमि को सामान्य बनाकर ऊंची कीमत में बेच दिया गया है। इसी तरह खसरा नंबर 669 की जमीन को बिना रजिस्ट्री के नामांतरण करा लिया गया। शारदा विहार में खसरा नंबर 384 नंबर की भूमि सीएसईबी की जमीन को निजी बनाकर बेचा गया। खसरा नंबर 302/2/घ को टुकड़ों में बांटकर 6 बार फर्जी रजिस्ट्री कराई गई। इस व्यापक स्तर पर हुए जमीन फर्जीवाड़ा में बस्ती के एक जमीन दलाल का नाम सुर्खियों में है। राजस्व विभाग के डिजिटल होने का लाभ पटवारी ऑफिस के कंप्यूटर ऑपरेटर उठा रहे हैं। वे अनाधिकृत रूप से पटवारी का कार्य करते हैं। इसका अच्छा खासा लाभ जमीन दलालों को मिल रहा है। बेशकीमती जमीनों की खरीदी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। एसडीएम कोरबा श्रीमती सीमा पात्रे ने बताया कि शहर में जमीनों को गलत तरीके से बिक्री और नामांतरण की शिकायत मिली थी। शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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