कोरबा। पुलिस ने लूट व डकैती के मामले में फरार आरोपी को 18 साल बाद पकड़ लिया है। आरोपी एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था।
दरअसल जिला पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए गुंडा बदमाशों और वारंटियों की धर पकड़ शुरू की गई है। इसी कड़ी में पुलिस कप्तान श्री शुक्ला के निर्देश, एएसपी अभिषेक वर्मा तथा सीएसपी भूषण एक्का के मार्गदर्शन में सिविल लाइन थाना प्रभारी मृत्युंजय पांडे ने भी वारंटी की कुंडली खंगालने शुरू कर दिए हैं। वह लंबे समय से फरार वारंटियों की फाइल पलट रहे थे, तभी एक फाइल कोतवाली थाना क्षेत्र में वर्ष 2005 में घटित लूट और डकैती की लगी। जिसमें आरपी नगर निवासी प्रसन्न कुमार राही को आरोपी बनाया गया था। वह जमानत पर रिहा होने के बाद से फरार था।
थाना प्रभारी के निर्देश पर आरक्षक योगेश राजपूत और दीप नारायण त्रिपाठी वारंटी की तलाश में जुटे थे। इसी दौरान पता चला कि एक युवक बालको में निवास करता है। वह एक कंपनी सिक्योरिटी गार्ड का काम करता है। उसका हुलिया वारंटी से मिलता जुलता है।
इस जानकारी के आधार पर पुलिस जवान निगाह रखे हुए थे और आखिरकार पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ करने पर असलियत सामने आ गई। वह जमानत पर रिहा होने के बाद कई वर्षों तक नाम बदलकर बिलासपुर में रह रहा था। इसके बाद बालको आ गया, जहां पहचान छिपाकर गार्ड की नौकरी कर रहा था। चूंकि उसने अपनी पहचान छिपाई थी। वह लोगों से अलग-थलग रहता था। उसके परिवार में किसी का देहांत भी हुआ था। ऐसे में जान पहचान के लोग तो उसकी मौत हो जाने का कयास लगाते थे वहीं 18 साल तक खोजबीन किए जाने के बावजूद कोई सुराग नहीं मिलने से पुलिस भी मृत समझने लगी थी, लेकिन सालों बाद वारंटी पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। पुलिस ने वारंट की तामिली करते हुए आरोपी को कोर्ट पेश कर दिया है।