उज्जैन। 27 किलो मीटर लंबे नगरपूजा मार्ग पर निरंतर मदिरा की धार लगाई जाएगी। तंत्र की भूमि उज्जैन में नवरात्र के दौरान साधना आराधना का विशेष महत्व है। यहां देवी व भैरव मंदिरों में अलग-अलग प्रकार से सात्विक व तामसिक पूजा की जाती है।
शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर रविवार को नगर की सुख समृद्धि के लिए शासकीय पूजा होगी। सुबह 7.30 बजे कलेक्टर चौबीस खंबा माता मंदिर स्थित माता महामाया व महालया को मदिरा का भोग लगाकर पूजा की शुरुआत करेंगे। इसके बाद शासकीय अधिकारी व कोटवारों का दल ढोल ढमाकों के साथ शहर के विभिन्न कोणों में स्थित 40 से अधिक देवी व भैरव मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए रवाना होगा। करीब 27 किलो मीटर लंबे नगरपूजा मार्ग पर निरंतर मदिरा की धार लगाई जाएगी। तंत्र की भूमि उज्जैन में नवरात्र के दौरान साधना आराधना का विशेष महत्व है। यहां देवी व भैरव मंदिरों में अलग-अलग प्रकार से सात्विक व तामसिक पूजा की जाती है। लोकमान्यता व किवदंतियों के अनुसार उज्जयिनी के सम्राट विक्रमादित्य शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर नगर के देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पूजा किया करते थे।
इससे उनके राज्य व नगर में वर्ष भर सुख समृद्धि तथा खुशहाली रहती थी। किसी प्रकार की आपदा व बीमारियां नहीं होती थी। कालांतर में भी पूजा का क्रम जारी रहा और अब शासन की ओर से यह पूजा करवाई जाती है। शनिवार सुबह से नगरपूजा को लेकर तैयारी शुरू हो गई थी। वसूल पटेल के नेतृत्व में पूजा अर्चना के लिए श्रृंगार सामग्री, फल ,फूल, नीबू, नारियल, सिंदूर, चांदी के वर्क, नैवेद्य, ध्वज आदि का इंतजाम किया गया।
हरसिद्धि में दोपहर 12 बजे अलग से पूजा
शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में सात्विक पूजा होती है। इसलिए नगर पूजा के लिए कलेक्टर माता हरसिद्धि की पूजा के लिए अलग से हरसिद्धि मंदिर आते हैं। शनिवार को भी दोपहर 12 बजे कलेक्टर द्वारा शक्तिपीठ में पूजा अर्चना की जाएगी।