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दशहरा में ऐसी मान्यता: नीलकंठ के दर्शन से होती है धन वर्षा, विवाह में बाधा होती है दूर

कोरबा। हिंदू धर्म में दशहरा का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन अनेक मान्यताएं प्रचलित हैं और इसकी पौराणिक कथा असत्य पर सत्य की जीत के साथ बुराई अच्छाई की जीत को भी दिखाती है। मान्यतानुसार इसी दिन प्रभु श्री राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी और इसी विजय पर्व को लोग विजयाशमी के नाम से जानने लगे। दशहरा का पर्व पूरे देश में प्रचलित होने के साथ कई प्रथाओं को भी अपने में समेटे हुए है, जिसका एक अलग ही मतलब होता है। ऐसी ही एक प्रथा सदियों से चली आ रही है। इस दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ माना गया है।

ऐसी मान्यता है कि यदि दशहरा के दिन इस पक्षी के दर्शन हो जाते हैं तो व्यक्ति का भविष्य उज्जवल हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि दशहरा के दिन नीलकंठ के दर्शन होने से सोई हुई किस्मत जाग जाती है। दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी कहीं नजर आ जाए तो रूके हुए काम जरूर पूरे हो जाएंगे। मान्यता है कि नीलकंठ पक्षी के दर्शन से गरीब व्यक्ति भी मालामाल हो जाता है।

नीलकंठ के दर्शन से बनते हैं विवाह के योग

ऐसी मान्यता है कि यदि आप दशहरा के दिन नीलकंठ के दर्शन होते हैं तो जीवन के लिए बहुत ही शुभ संकेत मिलते है। ऐसा कहा जाता है कि यदि किसी व्यक्ति के विवाह में बाधा उत्पन्न हो रही हो और उसे नीलकंठ के दर्शन ख़ास दशहरा के दिन हो जानें से जल्द ही विवाह के योग बनते हैं।

 

नीलकंठ के दर्शन से मिलते हैं संकेत

नीलकंठ को भगवान शिव का दूसरा रूप माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि इसके दर्शन मात्र से हमारे तमाम कार्य पूरे होने लगते हैं। बहुत से लोग दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन के लिए आतुर रहते है किसी भी मुद्रा में अगर नीलकंठ पक्षी आपको मिल जाए तो ये बहुत ही शुभ साबित हो सकता है। अगर लकड़ी पर बैठे हुए नीलकंठ के दर्शन हो जाते हैं तो माना जाता है कि तुरंत ही धन के योग बन रहे हैं।
अगर किसी कन्या को नीलकंठ के दर्शन उसके दाहिनी ओर उड़ते हुए हो जाते हैं तो उसके शादी के योग बहुत ही जल्दी बनने वाले हैं। अगर बायीं ओर उड़ते हुए हुआ नीलकंठ के दर्शन हों तो कन्या को ऐसा वर मिलने के योग हैं जो उसकी हर एक बात को सहर्ष स्वीकार करे। ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि यदि नीलकंठ के दर्शन पीठ पीछे हों तो लड़की के विवाह का रिश्ता टूट जाता है और बात बीच में ही ख़त्म हो सकती है, लेकिन दशहरा के दिन भी पीठ पीछे से नीलकंठ के दर्शन अशुभ माने जाते हैं।

पुरुषों के लिए ऐसे दर्शन होते हैं शुभ

अगर नीलकंठ पुरुष को दशहरा के दिन दिखाई दे तो उसके दर्शन मात्र से ही पुरुष को विजय प्राप्त होती है, ये एक शुभ प्रतीक होता है। नीलकंठ के दर्शन से बिगड़े काम बन जाते हैं। नीलकंठ के दर्शन होने से किसी भी काम में सफलता मिलती है। सोमवार या दशहरा के दिन या फिर महाशिवरात्रि के दिन दर्शन करना भी लाभदायक माना जाता है।

राम ने पक्षी का दर्शन के बाद रावण को किया था पराजित

ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने इस पक्षी को देखने के बाद ही रावण को युद्ध में पराजित किया था। तभी से नीलकंठ को विजय का प्रतीक माना जाने लगा। दशहरा के पावन अवसर पर नीलकंठ पक्षी दिख जाए तो ये जीवन में समृद्धि के मार्ग खोल सकता है।