मुंबई। मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर कई जगहों पर आगजनी की घटना हुई । जारी हिंसा के मद्देनजर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह बैठक बुधवार की सुबह 10.30 बजे सह्याद्रि गेस्ट हाउस में बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा और शिवसेना (शिंदे) गठबंधन की राज्य सरकार मौजूदा हालात पर सभी दलों से चर्चा करेगी। साथ ही मराठा आरक्षण के लिए सहयोग मांगेगी। बैठक के दौरान आरक्षण बिल दोबारा लाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने पर भी चर्चा हो सकती है। हालांकि यह सर्वदलीय बैठक आयोजन से पहले ही विवाद में फंस गई है, क्योंकि इसमें शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के महज एक ही विधायक को बुलावा भेजा गया है।
शाम को कैबिनेट बैठक के बाद लिया सीएम ने फैसला
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार शाम को मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर कैबिनेट बैठक आयोजित की. अपने मंत्रियों की मौजूदगी में सीएम शिंदे ने मराठा आरक्षण आंदोलन को हिंसक बनाने का आरोप बिना कोई नाम लिए विपक्षी दलों पर लगाया। उन्होंने कहा, शांतिप्रिय आंदोलन करने वाले मराठा समाज को भड़काने और उनकी आड़ में आगजनी करने का काम कौन कर रहा है, इस पर सरकार का ध्यान है। उन्होंने कहा, पूरा मराठा समाज जानता है कि सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण गंवाने के समय कौन सरकार में थे।
सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन की स्थिति पर हुई चर्चा
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने मराठा आरक्षण खत्म करने वाले फैसले पर पुनर्विचार के लिए दाखिल क्यूरेटिव पिटीशन की स्थिति पूछी। साथ ही पुराने रिकॉर्ड पर चर्चा करने के साथ ही शिंदे समिति की आरक्षण पर रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई। बैठक में राज्य में कम बारिश के कारण 40 तालुकाओं में बनी सूखे की स्थिति की रिपोर्ट केंद्र को भेज दिए जाने की भी पुष्टि की गई। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की है। बैठक के लिए जिन विधायकों को नेता भेजा गया है। उनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) से शरद पवार, जयंत पाटिल व राजेश टोपे, कांग्रेस से अशोक चव्हाण, नाना पटोले, बालासाहेब थोराट व विजय वडेट्टीवार, शिवसेना (उद्धव) से अंबादास दानवे और वंचित बहुजन अघाड़ी से प्रकाश आम्बेडकर शामिल हैं.
हिंसक प्रदर्शन, हाईवे पर किया कब्जा
मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों का हिंसक प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा है। मंगलवार को दोपहर बाद प्रदर्शनकारियों ने करीब दो घंटे तक मुंबई-बेंगलुरू हाईवे पर धरना देते हुए कब्जा किए रखा. इसके चलते हाईवे पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ट्रैफिक को दूसरे रास्तों की तरफ डायवर्ट करना पड़ा। इसके बावजूद देर शाम तक हाईवे पर जाम के हालात बने हुए थे। उधर, शोलापुर में भी मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्यों ने रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। रेलवे ट्रैक पर जलते हुए टायर रख दिए गए और भगवा झंडे गाड़ दिए गए। इसके चलते ट्रैक पर ट्रेनों का आवागमन बंद करना पड़ा है.
जला दिए राजनीतिक दलों के ऑफिस व नेताओं के घर
इससे पहले सोमवार को मराठवाड़ा इलाके के कुछ हिस्सों में आंदोलन हिंसक हो गया था। प्रदर्शनकारियों ने कुछ राजनेताओं के घरों और स्थानीय पार्टी ऑफिसों में आग लगा दी थी। इसके बाद पुलिस में मुंबई में मंत्रालय, मुख्यमंत्री आवास व मंत्रियों के आवासों समेत प्रमुख राजनेताओं के घरों व पार्टी ऑफिसों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी थी।