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कुत्ते के काटने पर अब 5 नहीं इतने इंजेक्शन लगेंगे, एंटी रेबीज नीति में बड़ा बदलाव

नवहट्टा (सहरसा)। कुत्ते काटने पर अब सरकारी अस्पतालों में पांच की जगह तीन ही सुई लगेगी। स्वास्थ्य विभाग ने एंटी रेबीज नीति में बदलाव कर नई गाइड लाइन जारी की है। इसके लिए हाल ही में एक डॉक्टर और एक एपिडेमियोलॉजिस्ट को ट्रेनिंग दी गई है। कुत्ते के काटने पर एंटी रेबीज सुई पहले दिन, 14 दिन और फिर 28 दिन पर दी जाएगी। हालांकि, सुई की डोज कम होने से बीमारी के इलाज पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

अगर कुत्ते के काटने के बाद कोई मरीज सदर अस्पताल या किसी पीएचसी या सीएचसी में आता है तो पहले उसके जख्म का इलाज किया जाएगा। इसके बाद एंटी रेबीज की सुई दी जाएगी। कुत्ते के काटने पर एंटी रेबीज टीका लगवाना एकमात्र समाधान है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वीरेन्द्र कुमार बताते हैं कि अगर शरीर में एक बार रेबीज संक्रमण फैल गया तो उस मरीज को बचाना मुश्किल होता है। हालांकि, अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि पहले कुत्ते के काटने पर पांच सुई दी जाती थी, लेकिन अब तीन दी जाएगी। डॉक्टर मरीज के जख्म के अनुसार, तीन से पांच सुई कर सकता है।

क्या है रेबीज?

रेबीज एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है। सही समय पर उचित इलाज न मिलने पर यह आमतौर पर घातक होता है। यह रबडोवायरस परिवार का एक आरएनए वायरस है, जो व्यक्ति के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। एक बार यह नर्वस सिस्टम के अंदर पहुंच जाता है, तो वायरस मस्तिष्क में तीव्र सूजन पैदा करता है, जिससे जल्द ही कोमा और मौत हो सकती है।