कानपुर। सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या पांच पर हावड़ा पुल के पास खड़े युवक ने अपनी गर्दन काट ली। इतना ही नहीं लहूलुहान हालत में उसने रेल ट्रैक पर कूदकर जान देने का प्रयास किया, लेकिन वेंडर की सजगता से रेलवे सुरक्षा बल ने उसे बचा लिया। गंभीर हालत में उसे उर्सला अस्पताल भेजकर स्वजन को बुलाया गया है।
पीड़ित ने कहा कि उसके ममेरे भाई ने उसे नौकरी दिलाने के बहाने बुलाकर धोखा दिया। उसके रुपये व सामान भी हड़प लिया। आरपीएफ के अनुसार, बिहार के अररिया के मनदहा वार्ड संख्या एक निवासी मोहम्मद अफरोज का पुत्र शानू अपने ममेरे भाई सनाउल के बुलावे पर आया था।
आरोप है कि उसने कई दिन तक उसे टहलाया। कोई काम नहीं मिला। वह बिना किसी टिकट के सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या पांच पर पहुंचा। वहां पर अपनी गर्दन पर चाकू से वार कर दिया। गले के पास घाव से खून के फव्वारे छूट पड़े। कुछ दूर खड़े अधिकृत वेंडर अकबर ने आरपीएफ व जीआरपी को घटना बताई।
उप निरिक्षक मो. असलम खान, उप निरीक्षक आरती कुमारी, एएसआइ सीपी सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने बार-बार रेलवे ट्रैक पर कूदने का प्रयास कर रहे शानू के हाथ व पैर कपड़े से बांध कर काबू में किया। जीआरपी मुख्य आरक्षी मो. शादाब, नंदलाल यादव, रेलवे डाक्टर अंकिता राजपूत ने तत्काल उर्सला अस्पताल भेजा। अवसादग्रस्त घायल की देखरेख में दो आरपीएफ जवान भी लगाए गए हैं। आरपीएफ के अनुसार, स्वजन के आने पर और सच्चाई पता चलेगी।