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भुबनेश्वर

जिंदगी और मौत की जंग: बोरवेल में गिरी 80 साल की महिला, सांप के साथ बिताए 12 घंटे, हुई मौत

संबलपुर/भुवनेश्वर। ओडिशा के स्वर्णपुर जिले से अजीबोगरीब घटना सामने आई है, जहां घर जा रही 80 साल की बुजुर्ग महिला बोरवेल में गिर गई। महिला ने उस गड्ढे में 12 घंटे तक सांप के साथ बिताई। घटना की सूचना मिलने के बाद पहुंचे फायर ब्रिगेड और ओडीआरएएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत से वृद्ध महिला को बाहर निकाला और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

ओडिशा के सोनपुर ब्लॉक के एक खुले बोरवेल में गोविंदपुर की 80 वर्षीय महिला गिर गई। वृद्ध महिला को सुरक्षित बाहर निकालने और भूस्खलन के खतरे से बचने की खातिर अत्याधिक सावधानी के साथ सुरंग की खुदाई हाथों से की गई थी। पाइप के जरिए बोरवेल में ऑक्सीजन पहुंचाई गई। मेडिकल टीम भी मौके पर मौजूद रही और पीड़िता की हालत पर नजर बनाए रखी। मौके पर एंबुलेंस भी तैयार थी। चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वृद्ध महिला को सुरक्षित बाहर तो निकाल लिया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

बोरवेल के गड्ढे में एक सांप भी था

वृद्ध महिला के साथ बोरवेल के गड्ढे में एक सांप भी था। हालांकि सांप ने बूढ़ी महिला को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। दूसरी ओर, बूढ़ी महिला मूक-बधिर है। यही कारण है कि बोरवेल के अंदर होने पर बूढ़ी महिला ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जानकारी के मुताबिक, पिछली रात सुवर्णपुर जिले के सोनपुर-बुर्दा मार्ग पर कईंफूल गांव की एक बुजुर्ग महिला 20 फीट के खाली पड़े बोरवेल में गिर गई। वृद्धा अपनी बेटी के घर से घर लौट रही थी तभी लापरवाही के कारण बोरवेल के गड्ढे में गिर गई।

कड़ी मशक्कत के बाद वृद्धा को बाहर निकाला

फायर ब्रिगेड और ओडीआरएएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद वृद्धा को बाहर निकाला। समानांतर में एक और गड्ढा खोदा गया और बूढ़ी महिला को बचाया गया। बुजुर्ग महिला को बचाने के लिए एसआरसी के निर्देश पर एनडीआरएफ की 42 सदस्यीय टीम मुंडली से गई थी। यह टीम छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन राहुल में शामिल थी।

एसपी अमरेश पंडा ने जांच के दिए आदेश

इस बीच सुवर्णपुर के एसपी अमरेश पंडा ने कहा कि हम जांच करेंगे कि किसने बोरवेल खोदा और इसे खुला छोड़ दिया। मामले की जांच की जाएगी और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इस हादसे की खबर लगते ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री निरंजन पुजारी समेत जिला पुलिस अधीक्षक अमरेश पंडा ने वृद्धा को सुरक्षित निकालने के लिए घटनास्थल पर उपस्थित रहकर सभी इंतजामों का निरीक्षण किया, लेकिन कई घंटों तक बोरवेल में फंसी रहने के कारण उसे बचाना संभव नहीं हो सका।