कोरबा। लोकतंत्र का महापर्व में सुबह से ही लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिएघरों से निकलकर मतदान केंद्र पहुंच रहे है, लेकिन अधिकांश लोगों का नाम मतदाता सूची से ही गायब है, जिसके कारण उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। इधर कई मतदाता जिले से बाहर हैं।
माना जा रहा है कि चुनाव से पहले मतदाता सूची की जांच का काम स्थानीय बीएलओ को दिया गया था, जिसे गंभीरता से नहीं लिया गया। ऐसे कई लोग हैं, जो वर्तमान में जिले के वार्डो में निवासरत है। उनका नाम मतदाता सूची से गायब हो गया है। ऐसे लोगों तक मतदान पर्ची नही पहुचीं है। मतदान केंद्र के बाहर मतदाता सूची में नाम नहीं मिल रहा है। ऐसे में उन्हें मताधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण इस तरह की समस्या आ रही है।
ये कोई पहला मौका नही है, जब इस तरह की खामियां देखने को मिल रही है। पार्षद चुनाव में भी इसी तरह की गड़बड़ी देखने को मिली थी। उसके बाद भी सुधार नही किया जाना आम लोगों की समझ से परे है। मतदान नही कर पाने वाले लोगों में निराशा देखी जा रही है। कई लोग दिवंगत हो चुके है, लेकिन उनका नाम मतदान सूची में मौजूद है, लेकिन जो वर्तमान में जीवित है उनका नाम मतदाता सूची से गायब हो गया है। आखिर ये गलतियां हो कंहां और कैसे हो रही है, समझ से परे हैं। इधर जिला प्रशासन द्वारा निर्देश जारी किया गया है कि मतदाताओ को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए उचित कदम उठाते हुए समस्याओ को दूर किया जाए।
अक्सर देखा जाता है कि जिला प्रशासन के निर्देश का पालन करने में गंभीरता नही दिखाई जाती, जिसके कारण एन मौके में लोगों को परेशान होना पड़ता है। दूसरे चरण के चुनाव में भी इसी तरह की परेशानियों से लोगों को जूझना पड़ा। लोग चक्कर काटते रहे, लेकिन उनका नाम मतदाता सूची में नहीं मिल सका। ये किसी एक मतदान केंद्र की समस्या नही है, बल्कि ऐसे कई मतदान केंद्र है जहां लोगों को मतदान केंद्र में नाम खोजने की मजबूरी बनी हुई है। नाम सूची से गायब होने के कारण उन्हें बैरंग ही लौटना पड़ा रहा है।