शहडोल। डेढ़ माह के मासूम को सांस लेने और पेट फूलने की समस्या हुई, तो परिजनों ने अंधविश्वास के फेर में उसे 51 बार गर्म सलाखों से दगवा दिया। यह मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी अब सवाल खड़े होने लगे हैं।
शिशु के पेट, सिर, माथा, पैर और कंधे में सलाखों से दागा गया है। बालक की हालत बिगड़ी, तब परिजन इलाज के लिए उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। मासूम की गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज, शहडोल रेफर कर दिया गया। बालक एसएनसीयू में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।
हरदी निवासी प्रेमलाल बैगा के डेढ़ माह के बेटे प्रदीप को गर्म सलाखों से दागा गया। मासूम प्रदीप बैगा को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। नजदीकी अस्पताल में इलाज की कोई सुविधा नहीं मिलने पर परिजनों ने अंधविश्वास का सहारा लिया और मासूम को राहत पहुंचाने के लिए उसके पेट, सिर, माथा, पैर और कंधे को गर्म सलाखों से दगवा दिया।
हरदी गांव में सीएचओ एवं एएनएम की पदस्थापना है, लेकिन सही समय पर मासूम की मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से उसे दिक्कत बढ़ी तो परिजनों ने उसे गर्म सलाखों से दगवा दिया, जिसकी वजह से अब उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।