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उत्तर प्रदेश

हादसा या हत्या: करंट नहीं, जहर से हुई चारों भाई-बहनों की मौत ? उलझी पुलिस की गुत्थी

उन्नाव। चार भाई-बहनों की मौत के मामले में हत्या या हादसे की गुत्थी उलझ गई है। पुलिस अधिकारी करंट से हादसे की बात कह रहे हैं, लेकिन सूत्र पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बता रहे कि चारों बच्चों की जान जहर से गई है। यह जहर दूध जैसे पदार्थ में मिलाकर पिलाया गया। यह भी पता चला है कि जहर ज्यादा मात्रा में दिया गया। घर में ऐसी कोई वस्तु नहीं मिली है, इससे संदेह गहरा रहा है कि चारों की हत्या की गई। भ्रमित करने के लिए चारों बच्चों को एक साथ लिटाया गया और उनके ऊपर पंखा गिरा दिया। माता-पिता घटना के समय घर में नहीं थे और किसी से रंजिश की बात से इंकार कर रहे हैं। बच्चों के चाचा ने जरूर घटना को संदिग्ध बताया है।

एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने जहर की बात से इंकार किया है। बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट उन्हें अभी नहीं मिली है। डॉक्टरों के अनुसार में तीन बच्चों की मौत करंट से होने की पुष्टि हुई है, जबकि एक में करंट लगना स्पष्ट न होने के कारण सभी का बिसरा सुरक्षित किया गया है। यदि कुछ भी संदिग्ध है तो जांच कराई जाएगी।

बारासगवर थाना क्षेत्र के रौतापुर के मजरे लालमनखेड़ा गांव निवासी वीरेंद्र कुमार सरोज अपनी पत्नी शिवदेवी के साथ रविवार को धान काटने गए थे। घर में उनके चार मासूम बच्चे मयंक, हिमांशी, हिमांक व मानसी खेल रहे थे। वीरेंद्र ने बताया कि पड़ोसी महिला रूपा लकड़ी में छेद करने वाला यंत्र (बर्मा) उनसे ले गई थी। दोपहर बाद वह यंत्र देने घर पहुंची तो बच्चे जमीन पर पड़े मिले थे और उनके ऊपर पंखा गिरा था। उसने ही उन्हें सूचना दी। वह जब घर पहुंचे तो बिजली काटी जा चुकी थी और दो बच्चों पर पंखा गिरा था, दो बच्चे उनके पास पड़े थे। पुलिस पहुंची तो पंखे में करंट उतरने का शोर सुन यकीन कर लिया और शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए। वीरेंद्र का कहना है कि उन्हें जो बताया गया, वही मान लिया। वीरेंद्र के भाई सुरेंद्र ने बताया कि घर में कीटनाशक भी कभी लाकर नहीं रखा गया। अगर जहर मिला है तो किसी ने उन्हें खिलाया ही होगा। चारों बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

वीडियोग्राफी से पोस्टमार्टम का फैसला

रविवार रात ही चारों बच्चों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए थे। सोमवार सुबह पुलिस ने पैनल व वीडियोग्राफी से पोस्टमार्टम कराने का फैसला कर लिया। सवाल यह है कि पुलिस को ऐसा क्या दिख गया, जिससे पैनल व वीडियोग्राफी की जरूरत पड़ गई।
एएसपी शशिशेखर सिंह भी वहां मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार बच्चों की मौत के मामले में पेट में जहर मिलने की बात दर्शाने के साथ ही बिसरा सुरक्षित किए जाने की बात लिखी गई है।