उत्तरकाशी। उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने की जद्दोजहद लगातार जारी है। आज रेस्क्यू ऑपरेशन का 14वां दिन है। रेस्क्यू में आ रही दिक्कतें के चलते मजदूरों के परिजनों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम अपनी पूरी मेहनत के साथ मजदूरों को बाहर निकालने में जुटी हुई हैं। एनडीएमए के अधिकारी ने एक बयान में कहा कि आज शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने की उम्मीद है मजदूरों तक पहुंचने के लिए 10 मीटर का फासला तय करना अभी बांकी है। 46 मीटर से ज्यादा की ड्रिलिंग हो चुकी है।
ड्रिलिंग मशीन पर ऑस्ट्रेलियाई टनल एक्सपर्ट का बयान
ऑस्ट्रेलियाई टनल एक्सपर्ट आर्नाेल्ड डिक्स ने कहा ऑगर मशीन की ब्लेड टूट जाती हैं तो ड्रिलिंग नहीं हो पाएगी। अर्नाेल्ड डिक्स ने कहा कि अगर मशीन के ब्लेड खत्म हुए तो मशीन का काम खत्म हो जाएगा। अभी मैनुअल ड्रिलिंग का ऑप्शन बचा है। आठ-दस मीटर की ड्रिलिंग और बाकी है। ऑगर का ब्लेड काटकर निकालना भी एक बड़ी चुनौती है।
अब टनल की होगी वर्टिकल ड्रिलिंग
उत्तरकाशी में टनल की ड्रिलिंग बार-बार रोकी जा रही है। मशीन में खराबी की वजह से समस्या आ रही है। अब तक हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग चल रही थी, लेकिन बीआरओ को नई मशीन घटनास्थल पर पहुंचाने का निर्देश दिया गया है, जिससे वर्टिकल ड्रिलिंग की जा सके। अगर यह मुमकिन होता है तो संभव है कि मजदूरों को जल्द रेस्क्यू किया जा सकता है।
ड्रिलिंग मशीन आते ही वर्टिकल ड्रिलिंग का काम होगा शुरू
एसजेवीएन और ओएनजीसी की टीमें सिल्कयारा सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर पहुंच गई हैं। ड्रिलिंग मशीन आते ही वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हो जाएगा।
शाम तक मजदूरों के बाहर आने की उम्मीद
उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की जद्दोजहद जारी है। राहत और बचावकर्मी अपनी पूरी मेहनत के साथ मजदूरों को बाहर निकालने में जुटे हैं। एनडीएमए के अधिकारी ने एक बयान में कहा कि शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने की उम्मीद है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 10 मीटर का फासला रह गया है।
टनल में फंसे हैं 8 राज्यों के 41 मजदूर
बता दें कि उत्तराखंड की उत्तरकाशी टनल में आठ राज्यों के 41 मजदूर फंसे हुए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 15 मजदूर झारखंड के हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश 8, ओडिशा के 5, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के तीन, उत्तराखंड और असम के 2-2 जबकि हिमाचल प्रदेश के एक मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं।
हमें अभी 12-14 मीटर और जाना है- पीएमओ के पूर्व सलाहकार
प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने शुक्रवार को बताया था कि हमें अभी 12-14 मीटर और जाना है। मुझे उम्मीद है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो शुक्रवार शाम तक अभियान समाप्त हो जाएगा है. लेकिन शुक्रवार शाम तक ड्रिलिंग ही नहीं शुरू हो सकी थी।
गुरुवार दोपहर से नहीं हुई कोई ड्रिलिंग
बता दें कि गुरुवार शाम से ही ऑगर मशीन काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन ठप पड़ गया। इसके ठीक होने में करीब 24 घंटे लग गए। इसके बाद शुक्रवार को फिर ऑपरेशन शुरू हुआ, लेकिन मशीन के सामने फिर लोहे के पाइप आ गए, जिसके कारण एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा. बता दें कि गुरुवार दोपहर से कोई ड्रिलिंग नहीं हुई है।