वाराणसी। छोटे से मकान में दो बहनें इत्मीनान से रह रही थीं, जिस कमरे में उनकी मां का शव था, उसमें रोजाना सफाई करतीं। उसमें रखे सामान का प्रयोग भी करती थीं। दोनों ने पूछने पर बताया कि उन्हें शव की दुर्गंध आती तो छत पर जाकर खाना खा लेती थीं, लेकिन डर के मारे किसी को कुछ बताने से बचती रहीं।
घर में मां का शव सड़कर कंकाल बन गया और इस दौरान दोनों ने मिलकर वैष्णवी का जन्मदिन मनाया था। दोनों बहनें पड़ोसी के घर जाकर 10 लाख रुपये ऋण दिलाने की बात कहते हुए बताती थीं कि उन्हें कारोबार करना है। उनकी बातचीत से कभी इस बात की भनक तक नहीं लगी। जब बुधवार को पड़ोसियों को पता चला कि मां की मौत एक साल पहले ही हो चुकी है तो वो दंग रह गए।
पड़ोसी रमेश सिंह के परिवार के लोगों ने कहा कि बमुश्किल एक माह हुए होंगे जब पल्लवी ने वैष्णवी के बर्थडे पर केक काटा था। चूंकि दोनों बहनें किसी से कोई मतलब नहीं रखती थीं, इसलिए वैष्णवी का जन्मदिन मनाना हम लोगों के लिए सामान्य था। बातचीत में दोनों बहनें एक-एक सवाल का जवाब जरूर सटीक दे रही थीं, लेकिन उनका मन जरूर अस्थिर लग रहा था। पड़ोस में रहने वाले रमेश की बेटी ने कुछ दिनों पहले पल्लवी से कहा था कि लोन लेने से अच्छा है कि कहीं कोई नौकरी कर लो, तुम तो पढ़ी-लिखी हो। इस पर पल्लवी ने साफ मना करते हुए कहा कि मुझे अपना कारोबार करना है। पल्लवी ने बताया कि मैंने वर्ष 2021 में एमकाम की पढ़ाई पूरी की। मेरी छोटी बहन वैष्णवी की पढ़ाई जरूर दो साल पूर्व दसवीं पास करने के बाद से रुक गई।
मौसी ने कहा- एक साल पूर्व तक सब ठीक था
मौसी सीमा चतुर्वेदी ने बताया कि करीब 13-14 माह पूर्व वह आई थीं तो यहां सब ठीक था। वह अपनी बहन ऊषा मिली थीं, लेकिन वह बीमार होने के कारण कमजोर पड़ गई थीं। उन्हें टीबी की बीमारी थी। यहां से जाने के बाद मैंने कई बार फोन से संपर्क करना चाहा, लेकिन पल्लवी और वैष्णवी ने बहन से बात नहीं करवाई। हालांकि, इस दौरान उन्होंने दोनों बहनों को ऑनलाइन कुछ पैसे जरूर भेजे थे। उन्होंने बताया कि मैं पापा रामकृष्ण की सूचना पर पहुंची तो पल्लवी और वैष्णवी ने मुझे घर में घुसने नहीं दिया। इस पर मैंने पुलिस बुलाई तब जाकर सच्चाई सामने आई। बताया कि बिजली का कनेक्शन पापा के नाम से है, वही बिल जमा कर रहे थे। जितना बन पड़ता, उतना मदद भी करते थे।
दुर्गंध की वजह से छत पर करती भोजन
चार कमरों के छोटे से मकान में दोनों बहनें इत्मीनान से रहती थीं। जिस कमरे में उनकी मां का शव था, उसमें रोजाना सफाई करतीं। उसमें रखे सामान का प्रयोग भी करती थीं। दोनों ने पूछने पर बताया कि उन्हें शव की दुर्गंध आती तो छत पर जाकर भोजन करती थीं, लेकिन डर के मारे किसी को कुछ बताने से बचती रहीं।
दो साल पूर्व की ताजा हुई याद
भेलूपुर थाना क्षेत्र के कबीर मठ मोहल्ले में करीब दो साल पूर्व घर में कंकाल रखने की घटना सामने आई थी। दो बेटों ने मां की पेंशन लेने के लिए उनके निधन की सूचना छिपाई थी। आस-पड़ोस के लोगों ने सूचना दी तो पुलिस के पहुंचने पर सच्चाई सामने आ पाई थी।
दोनों बहनें मानसिक बीमारी से ग्रस्त प्रतीत हो रही हैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कोई कदम बढ़ाया जाएगा।
आरएस गौतम, डीसीपी काशी जोन